मुंबई आतंकी हमला मामले में बरी व्यक्ति पुलिस अनुमति के बिना कर सकता है नौकरी - महाराष्ट्र सरकार

Press Trust of India | November 25, 2025 | 06:43 PM IST | 1 min read

मुंबई आतंकी हमला 26/11 मामले में बरी फहीम अंसारी ने जनवरी में मुंबई एचसी में याचिका दायर कर पुलिस अनुमति प्रमाण-पत्र (पीसीसी) मांगा था ताकि वह अपनी आजीविका के लिए ऑटोरिक्शा चला सके।

सूची के अनुसार, निजी कंपनियां पुलिस से चरित्र सत्यापन के लिए अनुरोध कर सकती हैं। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने 25 नवंबर को मुंबई उच्च न्यायालय को बताया कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में बरी किया गया फहीम अंसारी कोई भी ऐसी नौकरी कर सकता है जिसके लिए पुलिस अनुमति/चरित्र सत्यापन प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होती। सरकार का यह बयान आतंकवादी हमलों की 17वीं बरसी से एक दिन पहले आया है।

फहीम अंसारी ने जनवरी में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पुलिस अनुमति प्रमाण-पत्र (पीसीसी) मांगा था ताकि वह अपनी आजीविका के लिए ऑटोरिक्शा चला सके।

सितंबर में सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया था कि अंसारी पर अभी भी नजर रखी जा रही है, क्योंकि उस पर एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का सक्रिय सदस्य होने का संदेह है। इसलिए प्रमाण पत्र मांगने वाला उसका आवेदन खारिज कर दिया गया। मुंबई आतंकी हमला 26/11 में 166 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

Also read Uttarakhand News: अल्मोड़ा में स्कूल के पास से विस्फोटक सामग्री जिलेटिन की 161 छड़ें बरामद, जांच जारी

अतिरिक्त लोक अभियोजक अमित पालकर ने उन नौकरियों की सूची प्रस्तुत की, जिनके लिए पुलिस से चरित्र सत्यापन प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है। सूची के अनुसार, यह प्रमाण पत्र सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और नगर निकाय नौकरियों के लिए आवश्यक है। यह प्रमाण पत्र आरटीओ बैज और परमिट के लिए, स्कूल और कॉलेज में नौकरियों के लिए और सुरक्षा गार्ड के लिए भी अनिवार्य है।

सूची के अनुसार, निजी कंपनियां पुलिस से चरित्र सत्यापन के लिए अनुरोध कर सकती हैं।

पालकर ने कहा कि अंसारी कोई भी ऐसी नौकरी कर सकता है जिसके लिए पुलिस अनुमति/चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता न हो। दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले शुरू किए, जिनमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दक्षिण मुम्बई में ताज और ओबेरॉय होटल शामिल थे। लगभग 60 घंटे तक चले हमलों में 166 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]