इसके तहत आईएमएस-बीएचयू को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) की तर्ज पर अनुदान मिलेगा। इससे क्षेत्र के लोगों को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
Santosh Kumar | November 22, 2024 | 09:41 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान, स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन, आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार सहित स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे। इस समझौते के तहत आईएमएस-बीएचयू को बेहतर फंडिंग और तकनीकी सहायता मिलेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और शोध में बड़े सुधार आएंगे।
इसके तहत आईएमएस-बीएचयू को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) की तर्ज पर अनुदान मिलेगा। इससे क्षेत्र के लोगों को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। इससे इलाज के लिए रेफर करने की संख्या कम होगी।
साथ ही, मरीजों का अनुभव बेहतर होगा और उनके इलाज का खर्च भी कम होगा। इस मौके पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस समझौते से आईएमएस-बीएचयू, एम्स और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच सहयोग बढ़ेगा।
छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान से ज्ञान और विशेषज्ञता साझा होगी। इससे क्लीनिकल सुविधाओं, रोबोटिक सर्जरी और अस्पताल प्रबंधन में सुधार होगा। आईएमएस-बीएचयू को विश्वस्तरीय संस्थान बनाने में मदद मिलेगी।
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प्रधान ने पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने में संस्थान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने शिक्षण मानकों में सुधार करके सेवाओं को और बेहतर बनाने की भी अपील की।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा स्वास्थ्य और शिक्षा के समग्र विकास पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि नए भारत का सपना बीएचयू जैसे संस्थानों को वैश्विक स्तर पर उत्कृष्टता का केंद्र बनाने से जुड़ा है।
यह समझौता प्रधानमंत्री के वाराणसी को स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं का प्रमुख केंद्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। जेपी नड्डा ने कहा कि एम्स, नई दिल्ली और आईएमएस, बीएचयू के बीच साझेदारी से शिक्षा और अनुसंधान में सुधार होगा।