Jamia Millia Islamia: जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने यौन उत्पीड़न के आरोप में एक संविदा शिक्षक को किया बर्खास्त

Abhay Pratap Singh | March 26, 2025 | 06:20 PM IST | 2 mins read

जेएमआई ने घटना की निंदा करते हुए स्पष्ट किया कि वह कोई स्थायी संकाय सदस्य नहीं है, बल्कि अस्थायी आधार पर नियुक्त एक संविदा कर्मचारी है।

जेएमआई में राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर पर महिला ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है। (इमेज-प्रेस रिलीज)
जेएमआई में राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर पर महिला ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है। (इमेज-प्रेस रिलीज)

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) ने आज यानी 26 मार्च को यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते एक संविदा शिक्षक को बर्खास्त कर दिया। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में एक महिला द्वारा राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर (संविदा) के खिलाफ शिकायत के बाद उनकी गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर जेएमआई ने यह कार्रवाई की है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने संविदा शिक्षक की सेवाएं समाप्त करते हुए कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) महिलाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति का पालन करता है। जेएमआई ने घटना की निंदा करते हुए स्पष्ट किया कि वह कोई स्थायी संकाय सदस्य नहीं है, बल्कि अस्थायी आधार पर नियुक्त एक संविदा कर्मचारी है।

जेएमआई यूनिवर्सिटी द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, “बहरहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीर अपराध की कड़ी निंदा करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया, यह कहते हुए कि महिलाओं के सम्मान, प्रतिष्ठा और अधिकारों पर कोई भी हमला जेएमआई द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और विश्वविद्यालय को यकीन है कि न्याय दिया जाएगा क्योंकि कानून अपना काम करेगा।”

जेएमआई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, “यह स्पष्ट किया जाता है कि यौन हमले की घटना विश्वविद्यालय परिसर के बाहर हुई थी और यह पूरी तरह से व्यक्तिगत एवं निजी मामला है। अतः जामिया मिल्लिया इस्लामिया का इस कथित घटना से कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह विश्वविद्यालय परिसर में नहीं घटित हुई।”

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कहा गया कि, जेएमआई के पास POSH Act - कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत गठित आंतरिक शिकायत समिति (ICC) है। इसके अलावा, इस समिति के संबंध में सूचना का व्यापक प्रसार किया जाता है, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों तक इसे पहुंचाना है।

इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों, विभागों और केंद्रों द्वारा समय-समय पर नियमित रूप से लिंग संवेदीकरण कार्यशालाएं और व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं, ताकि छात्रों और अन्य हितधारकों को महिलाओं के किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न और POSH अधिनियम के अन्य प्रावधानों के विरुद्ध संवेदनशील बनाया जा सके।

जेएमआई महिलाओं की गरिमा की रक्षा करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता है कि विश्वविद्यालय अपने संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करे। पॉस अधिनियम में निहित सभी नैतिक दिशा-निर्देशों का विश्वविद्यालय द्वारा पूरी तरह से पालन किया जाता है।

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