संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने कहा कि साक्षरता में आपसी समझ, सामाजिक सामंजस्य और शांति को बढ़ावा देने की क्षमता है।
Abhay Pratap Singh | September 8, 2024 | 02:11 PM IST
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) दुनिया भर में हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का उद्देश्य साक्षरता को बढ़ावा देना और अधिक साक्षर व टिकाऊ समाज के निर्माण में योगदान देना है। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पहली बार आधिकारिकतौर पर यूनेस्को (UNESCO) द्वारा सन 1967 में मनाया गया था।
इंटरनेशनल लिटरेसी डे यूनेस्को की एक पहल है ताकि साक्षरता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके, जो एक मौलिक मानव अधिकार और सम्मान का विषय है। यह व्यक्तियों को सशक्त बनाने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में साक्षरता की आवश्यक भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
इस साल, अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की थीम “बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता” है। यह नीतियों, आजीवन सीखने की प्रणालियों, शासन और प्रथाओं में सुधार के लिए समाधान भी तलाशता है।
यूनेस्को के अनुसार, यह दृष्टिकोण आपसी समझ, शांति और सामाजिक सामंजस्य को प्रोत्साहित करने के लिए साक्षरता की परिवर्तनकारी क्षमता का दोहन करेगा। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा दुनिया भर में वैश्विक, क्षेत्रीय, देशीय और स्थानीय स्तर पर मनाया जाता है।
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वैश्विक स्तर पर यूनेस्को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कारों का एक सम्मेलन और समारोह 9 एवं 10 सितंबर को कैमरून के याउंड में आयोजित करेगा। यह अफ्रीकी संघ के शिक्षा वर्ष और उससे आगे के संदर्भ में कैमरून और अफ्रीका में साक्षरता एजेंडे पर प्रकाश डालने का एक अवसर भी होगा।
यूनेस्को ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आइए इसकी शक्ति का उपयोग एक अधिक समावेशी दुनिया के लिए करें और साक्षरता को हर जगह सभी के लिए सुलभ बनाने के हमारे मिशन में शामिल हों!”
यूनेस्को के अनुसार, “साक्षरता सबसे अच्छा इलाज है और यह सुनिश्चित करने की कुंजी है कि प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार मिले। हर साल, यूनेस्को बदलती दुनिया में साक्षरता के विभिन्न पहलुओं को विभिन्न विषयों के माध्यम से उजागर करता है। इस वर्ष, संगठन स्थायी शांति को बढ़ावा देने के लिए बहुभाषी संदर्भों में साक्षरता चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
साक्षरता दिवस की शुरुआत 1965 में तेहरान में आयोजित शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन से हुई थी। हालांकि, 1966 में यूनेस्को ने 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया था। साल 2015 में इस दिन का पालन संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) कार्यक्रम का हिस्सा बन गया, जिसने वैश्विक विकास में साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।