IIT Madras: आईआईटी मद्रास में ग्लोबल हाइपरलूप कंप्टीशन का 21 फरवरी से होगा आयोजन
Saurabh Pandey | January 27, 2025 | 03:48 PM IST | 2 mins read
यह प्रतियोगिता आईआईटी मद्रास के यूनीक हाइपरलूप टेस्ट इंफ्रास्ट्रक्टर में आयोजित की जाएगी, जो भारतीय रेलवे, आर्सेलरमित्तल, एलएंडटी और हिंडालको के सहयोग से निर्मित एक अत्याधुनिक सुविधा है।
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी मद्रास) 21 से 25 फरवरी 2025 तक एशिया की पहली अंतर्राष्ट्रीय हाइपरलूप प्रतियोगिता, ग्लोबल हाइपरलूप प्रतियोगिता (जीएचसी) 2025 का आयोजन करेगा।
इस प्रतियोगिता का आयोजन आईआईटी मद्रास, आईआईटीएम प्रवर्तक और एसएईइंडिया द्वारा किया जाएगा और इसे भारत सरकार के रेल मंत्रालय का भी समर्थन प्राप्त है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में हाइपरलूप कॉन्सेप्ट को प्रदर्शित करना और प्रचारित करना है, जिससे परिवहन के क्षेत्र में यंग माइंड्स में ट्रांसफॉर्मेटिव स्प्रिट को बढ़ावा मिल सके।
प्रतियोगिता आईआईटी मद्रास के यूनीक हाइपरलूप टेस्ट इंफ्रास्ट्रक्टर में आयोजित की जाएगी, जो भारतीय रेलवे, आर्सेलरमित्तल, एलएंडटी और हिंडालको के सहयोग से निर्मित एक अत्याधुनिक सुविधा है।
Global Hyperloop competition: हाइपरलूप क्या है?
हाइपरलूप परिवहन का 5वां साधन है। यह एक हाई-स्पीड ट्रेन है जो लगभग-वैक्यूम ट्यूब में ट्रैवल करती है। कम वायु प्रतिरोध ट्यूब के अंदर कैप्सूल को 1000 किमी/घंटा से अधिक की गति तक पहुंचने में मदद करता है। स्पेसएक्स और टेस्ला के प्रमुख इलोन मस्क ने 2013 में एक श्वेतपत्र - 'हाइपरलूप अल्फा' के माध्यम से दुनिया के सामने हाइपरलूप का विचार प्रस्तावित किया था।
हाइपरलूप आईआईटी मद्रास के संकाय सलाहकार, प्रोफेसर सत्य चक्रवर्ती ने कहा कि जीएचसी इस बात का प्रमाण है कि सही अवसर और मंच दिए जाने पर छात्र क्या हासिल कर सकते हैं। हमारा लक्ष्य अगली पीढ़ी को परिवहन में जो संभव है उसे फिर से परिभाषित करने के लिए प्रेरित और सुसज्जित करना है।
अमेरिका, यूरोप, तुर्की और दुनिया के अन्य हिस्सों से प्रमुख हाइपरलूप स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाकर, प्रतियोगिता का लक्ष्य टिकाऊ और अल्ट्रा-फास्ट पारगमन प्रणालियों को अपनाने में तेजी लाना है। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लीडर्स को विचारों, विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करने और अगली पीढ़ी के इंजीनियरों और डिजाइनरों को प्रेरित करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा।
आईआईटी मद्रास के छात्र प्रमुख (हाइपरलूप) प्रणव सिंघल ने कहा कि वैश्विक हाइपरलूप प्रतियोगिता भारत में बहु-विषयक सहयोग और इनोवेशन को बढ़ावा देने के हमारे मिशन का उदाहरण है। थाईयुर में 450 मीटर का टेस्टिंग ट्रैक न केवल आईआईटी मद्रास के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि दुनिया भर के इच्छुक इंजीनियरों के लिए एक प्रकाशस्तंभ भी है।
Hyperloop competition: इवेंट की महत्वपूर्ण बातें
इस वर्ष वैश्विक हाइपरलूप प्रतियोगिता में दुनिया भर से लगभग 400 प्रतिभागी तीन श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। प्रतियोगिता में निम्निलिखित इवेंट शामिल होंगे-
- पॉड प्रदर्शन (Pod Demonstration:) - टीमें अत्याधुनिक टेस्टिंग ट्रैक पर एडवांस्ड स्पीड, स्थिरता और सुरक्षा सुविधाओं का प्रदर्शन करते हुए अपने हाइपरलूप पॉड प्रोटोटाइप का प्रदर्शन करती हैं।
- हाइपरलूप इनोक्वेस्ट (Hyperloop InnoQuest) - हाइपरलूप प्रौद्योगिकियों को लागू करने में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से एक केस स्टडी प्रतियोगिता शामिल होगी।
- डिजाइनएक्स (DesignX) - डिजाइन के प्रति उत्साही लोगों के लिए हाइपरलूप प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगों की सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए इनोवेटिव कॉन्सेप्ट और आईडियाज को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
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