इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन द्वारा यह नियुक्ति आईआईएम अधिनियम 2017 के खंड (9) के तहत की गई है।
Abhay Pratap Singh | April 2, 2024 | 09:51 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ (आईआईएम लखनऊ) ने आज यानी 2 अप्रैल को प्रोफेसर अर्चना शुक्ला को आईआईएम लखनऊ के प्रभारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। नियमित निदेशक की नियुक्ति होने तक प्रो अर्चना 4 अप्रैल से प्रभारी निदेशक के रूप में बनी रहेंगी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन द्वारा यह नियुक्ति की गई है। संस्थान ने बताया कि प्रोफेसर शुक्ला आईआईएम लखनऊ की वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर हैं और उनकी नियुक्ति आईआईएम अधिनियम 2017 के खंड (9) के तहत की गई है।
प्रोफेसर अर्चना शुक्ला आईआईएम लखनऊ में मानव संसाधन प्रबंधन में विशेषज्ञ हैं। प्रो. शुक्ला के पास तीन दशकों से अधिक शिक्षण और रिसर्च में कार्य करने का अनुभव है। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) से मनोविज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है।
आईआईएम लखनऊ की डायरेक्टर-इन-चीफ प्रो अर्चना वर्ष 2015 से 2017 तक व्यवहार विज्ञान में भविष्य के मुद्दों के लिए डॉ. ईश्वर दयाल चेयर की पहली अध्यक्ष भी रहीं। इसके अतिरिक्त प्रो. अर्चना शुक्ला ने ज्ञान प्रबंधन, संगठनात्मक अनुकूलन और संगठनात्मक संरचना के क्षेत्र में एक किताब, कई पेपर और कई केस स्टडीज भी लिखी हैं।
आईआईएम कलकत्ता, आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम बेंगलुरु के बाद देश में स्थापित होने वाला आईआईएम लखनऊ चौथा आईआईएम था। आईआईएम लखनऊ सस्टेनेबल मैनेजमेंट में दो साल का पूर्णकालिक एमबीए प्रोग्राम शुरू करने वाला पहला संस्थान था। इसमें कृषि व्यवसाय प्रबंधन में पूर्णकालिक एमबीए कार्यक्रम भी शामिल है।
संस्थान को एसोसिएशन टू एडवांस कॉलेजिएट स्कूल ऑफ बिजनेस (एएसीएसबी) और एसोसिएशन ऑफ एमबीए (एएमबीए) द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसे राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग में भी लगातार शीर्ष प्रबंधन संस्थानों में स्थान दिया गया है।
आईआईएम लखनऊ में फरवरी माह में आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में 250 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने हिस्सा लिया था। आईआईएम लखनऊ के 576 छात्रों को कुल 634 ऑफर प्राप्त हुए। इस दौरान अधिकतम अंतरराष्ट्रीय पैकेज 1.23 करोड़ प्रति वर्ष पर एक छात्र का प्लेसमेंट हुआ।