Press Trust of India | December 23, 2025 | 10:48 AM IST | 1 min read
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, सरकार ‘‘कुछ विशेष परिस्थितियों’’ में विशेष शक्तियों का प्रयोग कर सकती है।

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा ने सोमवार को हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पारित किया, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों सहित कुछ विशेष परिस्थितियों में विश्वविद्यालय के प्रबंधन निकाय को भंग करने और प्रशासक की नियुक्ति के माध्यम से उसके कामकाज को अपने हाथ में लेने जैसे उपाय शामिल हैं।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, सरकार ‘‘कुछ विशेष परिस्थितियों’’ में विशेष शक्तियों का प्रयोग कर सकती है। जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश और हरियाणा की पुलिस के साथ मिलकर एक ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किये जाने के बाद भाजपा सरकार द्वारा यह विधेयक लाया गया।
इस घटना ने जांचकर्ताओं को फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय तक पहुंचाया क्योंकि इसके कुछ संकाय सदस्यों के तार पिछले महीने दिल्ली में लाल किला के पास हुए विस्फोट से जुड़े हुए थे। उच्च शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शुक्रवार को विधानसभा में यह विधेयक पेश किया था। सोमवार को सदन में इसपर चर्चा हुई और उसे पारित कर दिया गया।
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विधेयक में कहा गया है कि कुप्रशासन, गलत सूचना और मानकों का पालन न करने पर विश्वविद्यालय पर विभिन्न दंड लगाए जा सकते हैं, जिसमें एक या अधिक संकायों में प्रवेश रोकना, कम से कम दस लाख रुपये और अधिकतम एक करोड़ रुपये का वित्तीय जुर्माना और चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय को भंग करना शामिल है।
सदन द्वारा विधेयक पारित किए जाने से पहले उस पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए रघुवीर सिंह कादियान और बीबी बत्रा सहित कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि “कुछ विशेष परिस्थितियों” में किसे प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है।
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Santosh Kumar