दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते कक्षा 9वीं तक और 11वीं के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में शुरू होंगी कक्षाएं

Press Trust of India | December 14, 2025 | 05:38 PM IST | 3 mins read

सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष नियमित रूप से कार्यालय में उपस्थित रहें, लेकिन कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक ना हो।

अगले आदेश तक जहां भी संभव हो, ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार की कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
अगले आदेश तक जहां भी संभव हो, ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार की कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर सभी स्कूलों को कक्षा 9वीं तक और 11वीं के विद्यार्थियों के लिए ‘हाइब्रिड मोड’ में कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया है। ‘हाइब्रिड मोड’ से आशय ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार से कक्षाएं संचालित करने से है।

यह निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी एक आदेश के बाद लिया गया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को और बिगड़ने से रोकने के लिए क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रेप) के तहत चरण-चार की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।

ऑफलाइन और ऑनलाइ कक्षाएं संचालित करने का निर्देश -

इस संबंध में 13 दिसंबर के परिपत्र के अनुसार, शिक्षा निदेशालय, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को अगले आदेश तक जहां भी संभव हो, ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार की कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि शनिवार को इस वर्ष की अब तक की सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई जो 11 नवंबर को दर्ज किए गए पिछले उच्चतम स्तर 428 को भी पार कर गई।

वायु गुणवत्ता सूचकांक -

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 431 रहा, जबकि वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने अनुमान जताया है कि रविवार को भी एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में रहेगा। आधिकारिक आदेश में, सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष नियमित रूप से कार्यालय में उपस्थित रहें, लेकिन कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक ना हो।

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50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे -

आदेश में कहा गया है, ‘‘शेष 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे, हालांकि प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष आवश्यक और आपातकालीन सार्वजनिक सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार अधिकारियों/कर्मचारियों को कार्यालय में बुला सकते हैं।’’ इसी प्रकार, आदेश में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में संचालित सभी निजी कार्यालय 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की उपस्थिति के बिना कार्य करेंगे।

इसमें कहा गया है, ‘‘शेष कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से घर से काम करना होगा।’’ आदेश में सभी निजी संस्थाओं से आग्रह किया गया है कि जहां तक संभव हो, वे कार्य का अलग-अलग समय लागू करें। इसके अलावा, निजी कार्यालयों को घर से काम करने के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और कार्यालय आने-जाने से संबंधित वाहनों की आवाजाही को कम करने का निर्देश दिया गया है।

आदेश में कहा गया है, ‘‘अस्पताल और अन्य सार्वजनिक/निजी स्वास्थ्य संस्थान, अग्निशमन सेवाएं, जेल, सार्वजनिक परिवहन, बिजली, पानी, स्वच्छता और संबंधित नगरपालिका सेवाएं, आपदा प्रबंधन और संबंधित सेवाएं, वायु प्रदूषण नियंत्रण, निगरानी और प्रवर्तन गतिविधियों में लगे वन और पर्यावरण विभाग/एजेंसियां (जैसे बायोमास जलाने पर रोक लगाने, धूल नियंत्रण, ग्रेप उपायों आदि के लिए तैनात टीमें) और अन्य आवश्यक/आपातकालीन सेवाएं इन निर्देशों से मुक्त रहेंगी।’’

पहले 5वीं तक की कक्षाओं को ‘हाइब्रिड मोड’ में चलाना शामिल था -

दिल्ली-एनसीआर में प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इससे पहले ग्रेप के तहत चरण-तीन प्रतिबंध लागू किए थे, जिसमें निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कक्षा पांच तक की कक्षाओं को ‘हाइब्रिड मोड’ में चलाना शामिल था।

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