अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा आदेश भविष्य को ध्यान में रखते हुए और याचिकाकर्ताओं के शैक्षणिक वर्ष को बचाने के लिए पारित किया जा रहा है।’’
Press Trust of India | July 13, 2024 | 05:22 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने फीस वृद्धि विवाद के चलते द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से निकाले गए छात्रों के नाम बहाल कर दिए हैं। न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने आदेश दिया कि मामले के लंबित रहने तक अभिभावक 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए बढ़ी हुई फीस का 50% जमा करें। अदालत का यह आदेश अभिभावकों की याचिका पर आया है, जिसमें तर्क दिया गया था कि स्कूल ने शिक्षा निदेशालय (डीओई) की मंजूरी के बिना फीस बढ़ाई है।
इसके साथ ही कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय और स्कूल को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि संबंधित पक्षों के अधिकारों और विवादों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना और याचिकाकर्ताओं द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए बढ़ी हुई स्कूल फीस का 50 प्रतिशत जमा करने की शर्त पर, याचिकाकर्ताओं के बच्चों के नाम उनकी संबंधित कक्षाओं में स्कूल सूची में बहाल किए जाएं।
अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा आदेश भविष्य को ध्यान में रखते हुए और याचिकाकर्ताओं के शैक्षणिक वर्ष को बचाने के लिए पारित किया जा रहा है।’’ इससे पहले याचिकाकर्ता-अभिभावकों ने दावा किया था कि स्कूल प्रशासन ने हाल ही में बढ़ी हुई फीस का भुगतान नहीं करने पर 20 से अधिक छात्रों को निष्कासित कर दिया था।
याचिका में याचिकाकर्ताओं ने न केवल बच्चों के नाम तुरंत बहाल करने के निर्देश मांगे, बल्कि स्कूल को शैक्षणिक वर्ष के लिए केवल "स्वीकृत" फीस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया। याचिका में कहा गया है कि अभिभावकों से बिना अनुमति के कोई भी फीस तब तक नहीं वसूली जा सकती जब तक कि डीओई से इसकी मंजूरी न मिल जाए।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अधिकारियों को स्कूल की जमीन का आवंटन रद्द करने और कानून के तहत इसका प्रशासन अपने हाथ में लेने का निर्देश देने की भी मांग की। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
कुलपति ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए एसी के समक्ष फीस वृद्धि सहित विभिन्न अन्य मदों पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्हें पहले से पारित प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी गई।
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