Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के चलते सरकार ने 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की घोषणा की

Press Trust of India | November 21, 2024 | 09:16 AM IST | 2 mins read

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने निजी दफ्तरों, उद्योगों और कारोबारियों से वायु प्रदूषण कम करने में सहयोग करने की अपील की है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की घोषणा की। (इमेज-X/@AapKaGopalRai)
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की घोषणा की। (इमेज-X/@AapKaGopalRai)

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने अपने और एमसीडी के 50% कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दिया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 दर्ज किया गया, जो अभी भी 'गंभीर' श्रेणी में है। यह फैसला GRAP के चौथे चरण के तहत लिया गया है। सरकार ने कहा है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत उसके सभी विभाग और एमसीडी कार्यालय 50% क्षमता पर काम करेंगे जबकि बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने निजी दफ्तरों, उद्योगों और कारोबारियों से वायु प्रदूषण कम करने में सहयोग करने की अपील की है। आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े दफ्तर पूरे समय काम करते रहेंगे।

Delhi Air Pollution: औसत एक्यूआई गंभीर श्रेणी में

बुधवार को दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 419 था, जो मंगलवार के 460 से कम था। सोमवार को एक्यूआई 494 दर्ज किया गया। शहर के 37 स्टेशनों में से नौ "गंभीर प्लस" श्रेणी में थे, जिनमें एक्यूआई रीडिंग 400 से ऊपर थी।

सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार के अधीन सभी सरकारी कार्यालय अपने आधे कर्मचारियों की उपस्थिति में काम करेंगे, जबकि शेष आधे कर्मचारी दूरस्थ रूप से काम करेंगे।

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Effects of Air Pollution: सर्वेक्षण से क्या पता चला?

बता दें कि दिल्ली नगर निगम समेत दिल्ली सरकार के करीब 80 विभागों और विभिन्न एजेंसियों में करीब 1.4 लाख लोग काम करते हैं। बुधवार शाम 6 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीएम 2.5 का स्तर 211 दर्ज किया, जिससे यह प्रमुख प्रदूषक रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 2.5 माइक्रोमीटर या इससे कम व्यास वाले पीएम 2.5 कण फेफड़ों और रक्तप्रवाह में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा हो सकता है।

सर्वेक्षण से पता चला कि दिल्ली-एनसीआर के 75% घरों में कम से कम एक सदस्य गले में खराश या खांसी से पीड़ित है। 58% घरों में सिरदर्द की शिकायत है, जबकि 50% में श्वसन संबंधी समस्याएं या अस्थमा के मामले हैं।

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