Press Trust of India | October 24, 2025 | 08:54 AM IST | 2 mins read
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी समय पर मिले और इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी विद्यार्थी प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने से वंचित न रहे। सीएम ने कहा कि छात्रवृत्ति फॉर्म ऑनलाइन भरे जाएं।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, हरियाणा भवन स्थित रेजिडेंट आयुक्त को संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने तथा इससे राज्य सरकार के विभागों को नियमित रूप से अवगत कराते रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बयान के अनुसार, सैनी ने कहा कि इसके साथ ही स्कूल और कॉलेज के प्रधानाचार्यों को भी छात्रों को योजनाओं के बारे में जानकारी देनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके छात्रवृत्ति फॉर्म ऑनलाइन भरे जाएं।
अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सैनी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी मेधावी या जरूरतमंद छात्र वित्तीय बाधाओं के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी समय पर मिले और इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में सूचना बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सभी छात्रवृत्ति योजनाओं का विवरण स्पष्ट रूप अंकित हो ताकि विद्यार्थियों को आवेदन प्रक्रिया पूरी करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर निगरानी करने तथा समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे छात्रवृत्ति योजनाओं में राज्य सरकार का 40% हिस्सा विद्यार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार का शेष 60% हिस्सा डीबीटी के माध्यम से जमा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार छात्रों, खासकर अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य न केवल यह सुनिश्चित करना है कि इन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, बल्कि यह भी है कि वे रोजगार योग्य बनें और समाज में अग्रणी भूमिका निभाएं।