CLAT Result 2025: याचिकाकर्ता ने की मामले को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग, अगली सुनवाई 30 जनवरी

याचिकाकर्ताओं ने क्लैट यूजी 2025 उत्तर कुंजी में त्रुटियों का दावा किया था। इसके बाद, अदालत ने मेरिट सूची में संशोधन का आदेश दिया था।

क्लैट 2025 परीक्षा 1 दिसंबर को आयोजित की गई थी और परिणाम 7 दिसंबर को जारी किया गया था। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)
क्लैट 2025 परीक्षा 1 दिसंबर को आयोजित की गई थी और परिणाम 7 दिसंबर को जारी किया गया था। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Santosh Kumar | January 7, 2025 | 03:39 PM IST

नई दिल्ली: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2025 (क्लैट-यूजी) के परिणामों को चुनौती देने वाले एक अभ्यर्थी ने मंगलवार (7 जनवरी) को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह इस मामले को उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, मामले की सुनवाई 30 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। याचिकाकर्ताओं ने क्लैट यूजी 2025 उत्तर कुंजी में त्रुटियों का दावा किया था। इसके बाद, अदालत ने मेरिट सूची में संशोधन का आदेश दिया था।

अभ्यर्थी आदित्य सिंह ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ को बताया कि वह सर्वोच्च न्यायालय से ऐसे सभी मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध करेंगे।

CLAT 2025 Supreme Court: उत्तर कुंजी में त्रुटियों का दावा

अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट से मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया। 20 दिसंबर को हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने एनएलयू में स्नातक प्रवेश के लिए क्लैट के पेपर में कथित त्रुटियों को लेकर याचिका स्वीकार की थी।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने निष्कर्ष निकाला था कि क्लैट अभ्यर्थी द्वारा चिन्हित 5 प्रश्नों में से दो में गंभीर त्रुटियां थीं। एकल न्यायाधीश ने कहा कि जब ऐसी गंभीर त्रुटियां पाई जाती हैं, तो न्यायालय कोई कार्रवाई नहीं कर सकता।

इसलिए न्यायालय ने एनएलयू के संघ को इन दो प्रश्नों के संबंध में अंक देने में परिवर्तन करने के बाद संशोधित परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था। इस निर्णय को एनएलयू संघ और आदित्य सिंह दोनों ने पीठ के समक्ष चुनौती दी।

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CLAT Supreme Court: मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी

जब पीठ ने 24 दिसंबर को मामले की सुनवाई की थी, तो उसने इस आधार पर एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था कि एकल न्यायाधीश के निष्कर्षों में प्रथम दृष्टया कोई त्रुटि नहीं थी।

पीठ ने कहा था कि एनएलयू कंसोर्टियम एकल न्यायाधीश के आदेश के अनुसार परिणाम घोषित कर सकता है। इसके बाद आज आदित्य सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपनी स्थानांतरण याचिका के बारे में न्यायालय को सूचित किया।

इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। इसके अलावा, यूजी और क्लैट पीजी परीक्षाएं भी गलत उत्तर कुंजी को लेकर विवादों में घिरी हुई हैं और पीजी परीक्षा के नतीजों को मध्य प्रदेश और बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी जा रही है।

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