नोटिस में कहा गया है कि एक या अधिक विषयों में बाद की परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों को अंकों का एक पूरक विवरण जारी किया जाएगा। उन छात्रों को अंकों का विवरण दिया जाएगा जो परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं, लेकिन उत्तीर्ण नहीं होते हैं।
Saurabh Pandey | April 29, 2025 | 01:17 PM IST
नई दिल्ली : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) परीक्षा नियमों में बदलाव किया है। अब शैक्षणिक वर्ष 2025 से आईएससी (12वीं) और आईसीएसई (10वीं) परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को सिंगल पास सर्टिफिकेट कम मार्क्स का विवरण जारी करेगा।
परीक्षा नियमों में सीआईएससीई संशोधनों के अनुसार, कक्षा 10वीं, 12वीं के रिजल्ट अब पास सर्टिफिकेट प्रदान किया गया या पास सर्टिफिकेट प्रदान नहीं किया गया के बजाय "योग्य" या "योग्य नहीं" के रूप में घोषित किए जाएंगे।
आईएसई कक्षा 12वीं में पास सर्टिफिकेट कम मार्क्स का विवरण प्राप्त करने के लिए, छात्रों को अंग्रेजी सहित कम से कम चार विषयों में उत्तीर्ण अंक प्राप्त करने होंगे, तथा ,सोशली यूजफुल प्रोडक्टिव वर्क (SUPW) और सामुदायिक सेवा में उत्तीर्ण ग्रेड प्राप्त करना होगा, जिनका आंतरिक रूप से मूल्यांकन किया जाता है। प्रत्येक विषय के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 35% है।
आईसीएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा पास करने के लिए, छात्रों को कम से कम छह विषयों के साथ परीक्षा के लिए नामांकित होना होगा और अंग्रेजी सहित कम से कम पांच विषयों में उत्तीर्ण होना होगा। छात्रों को एसयूपीडब्ल्यू और सामुदायिक सेवा में भी उत्तीर्ण ग्रेड प्राप्त करना होगा, जिसका आंतरिक मूल्यांकन किया जाता है। प्रत्येक विषय के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 33% है।
नोटिस में आगे कहा गया है कि एक या अधिक विषयों में बाद की परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों को अंकों का एक पूरक विवरण जारी किया जाएगा। उन छात्रों को अंकों का विवरण दिया जाएगा जो परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं, लेकिन उत्तीर्ण नहीं होते हैं।
परिषद ने परीक्षा वर्ष 2024 से कंपार्टमेंट परीक्षा भी बंद कर दी है और इसकी जगह इंप्रूवमेंट परीक्षा आयोजित की जाती है। नोटिस में कहा गया है कि जो उम्मीदवार परीक्षा के उसी वर्ष अपने अंक/ग्रेड में सुधार करना चाहते हैं, वे इंप्रूवमेंट परीक्षा दे सकते हैं। छात्रों को अधिकतम दो विषयों में शामिल होने की अनुमति होगी।
दो परीक्षाओं में किसी विषय में छात्र द्वारा प्राप्त दो अंकों में से जो अधिक होगा, उसे अंतिम अंक माना जाएगा। जिन छात्रों का ओवरऑल परिणाम नॉट क्वालिफाइड से क्वालिफाइड में बदल जाता है, उन्हें अपने स्कूल के माध्यम से CISCE को अपने मूल दस्तावेज वापस करने होंगे।