CBSE Board Exams: 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य, सीबीएसई ने जारी किया नोटिस

Santosh Kumar | September 15, 2025 | 06:19 PM IST | 2 mins read

यदि कोई विद्यार्थी विद्यालय नहीं आता है, तो उसका आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और आंतरिक प्रदर्शन के बिना उसका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।

बोर्ड ने जारी नोटिस में स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों की न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी। (इमेज-एक्स/@cbseindia29)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों की न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी। नए नोटिस में कहा गया है कि सख्त शैक्षणिक और उपस्थिति संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किए बिना किसी भी छात्र को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नोटिस में कहा गया है कि कक्षा 10 और 12 दो वर्षीय पाठ्यक्रम हैं, जिनमें क्रमशः कक्षा 9 और 10 तथा कक्षा 11 और 12 शामिल हैं। तदनुसार, परीक्षा में बैठने के लिए छात्र को दो वर्ष तक सभी विषयों का अध्ययन करना आवश्यक है।

यदि कोई विद्यार्थी विद्यालय नहीं आता है, तो उसका आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और आंतरिक प्रदर्शन के बिना उसका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। ऐसे छात्रों को, चाहे वे नियमित हों, उन्हें 'एसेंशियल रिपीट' की श्रेणी में रखा जाएगा।

अतिरिक्त विषयों के लिए बोर्ड के निर्देश

बोर्ड अतिरिक्त विषय प्रदान करता है। 10वीं कक्षा में, छात्र अनिवार्य 5 विषयों के अलावा 2 विषय ले सकते हैं। 12वीं में केवल 1 अतिरिक्त विषय लिया जा सकता है। अतिरिक्त विषय लेने वाले छात्र 2 साल तक अतिरिक्त विषय का अध्ययन करेंगे।

यदि किसी स्कूल ने सीबीएसई से किसी विषय की पेशकश करने की अनुमति नहीं ली है और उनके पास शिक्षक, प्रयोगशाला आदि नहीं हैं, तो उनके छात्रों को ऐसे विषयों को मुख्य या अतिरिक्त विषय के रूप में देने की अनुमति नहीं है।

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यदि किसी नियमित छात्र ने पिछले वर्षों में अतिरिक्त विषय दिया है और उसे "कम्पार्टमेंट" या "आवश्यक पुनरावृत्ति" श्रेणी में रखा गया है, तो वे कंपार्टमेंट या आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी के तहत निजी उम्मीदवार के रूप में उपस्थित हो सकते हैं।

जो छात्र इन शर्तों को पूरा नहीं करता है, वह निजी परीक्षार्थी के रूप में बोर्ड परीक्षाओं में अतिरिक्त विषयों की परीक्षा देने के लिए पात्र नहीं है। छात्र और संबंधित स्कूल को सीबीएसई के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

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