सीबीएसई आमतौर पर साल में दो बार सीटेट परीक्षा (जुलाई और दिसंबर सत्र) आयोजित करता है। पिछले वर्ष सीटेट जुलाई परीक्षा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया मार्च में शुरू हुई थी और परीक्षा 7 जुलाई को आयोजित की गई थी। परीक्षा पेपर 1 और 2 के लिए दो पालियों में आयोजित की जाती है।
Saurabh Pandey | March 27, 2025 | 08:54 AM IST
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) जुलाई 2025 सत्र के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगा। सीटेट परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक और पात्र उम्मीदवार अधिसूचना जारी होने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। सीबीएसई आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर इंफॉर्मेशन ब्रोशर के साथ सीटेट आवेदन प्रक्रिया, परीक्षा तिथियों और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों के लिए पूरा कार्यक्रम जारी करेगा।
सीटेट आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सीबीएसई उम्मीदवारों को आवेदन फॉर्म में सुधार करने की अनुमति देता है। इसके बाद परीक्षा शहर की सूचना पर्ची, एडमिट कार्ड, परीक्षा का आयोजन, उत्तर कुंजी जारी करना, आपत्ति विंडो, अंतिम उत्तर कुंजी और परिणाम की घोषणा की जाती है।
सीबीएसई आमतौर पर साल में दो बार सीटेट परीक्षा (जुलाई और दिसंबर सत्र) आयोजित करता है। पिछले वर्ष सीटेट जुलाई परीक्षा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया मार्च में शुरू हुई थी और परीक्षा 7 जुलाई को आयोजित की गई थी। परीक्षा पेपर 1 और 2 के लिए दो पालियों में आयोजित की जाती है।
श्रेणी | पेपर-I या पेपर-II की फीस | पेपर-I और पेपर-II दोनों की फीस |
---|---|---|
सामान्य/ओबीसी (एनसीएल) | 1000 रुपये | 1200 रुपये |
एससी/एसटी/विकलांग व्यक्ति | 500 रुपये | 600 रुपये |
सीटेट में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) होंगे, जिनमें चार विकल्प होंगे, जिनमें से एक उत्तर सबसे उपयुक्त होगा। प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक होगा और कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा। सीटेट के दो पेपर होंगे-
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा को सीटेट के नाम से जाना जाता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटाई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सीटेट परीक्षा आयोजित करता है। इस परीक्षा का उद्देश्य KVS, NVS और अन्य सहित केंद्र सरकार के स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों के पदों के लिए आवेदकों का मूल्यांकन करना है।
सीबीएसई पेरेंटिंग कैलेंडर का उद्देश्य स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों को प्रत्येक बच्चे की अनूठी शक्तियों को पहचानने और उनका पोषण करने के लिए सशक्त बनाकर छात्र कल्याण को बढ़ावा देना है।
Abhay Pratap Singh