Saurabh Pandey | April 22, 2024 | 06:20 PM IST | 1 min read
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 2016 राज्य स्तरीय परीक्षा के माध्यम से की गई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सभी नियुक्तियां रद्द कर दीं।
नई दिल्ली : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 2016 में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। आदेश के मुताबिक, 25,753 नियुक्त शिक्षकों की नौकरी जाने वाली है और उन्हें 12 प्रतिशत ब्याज के साथ अपना वेतन वापस करने के लिए कहा जाएगा।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने कहा कि खाली ओएमआर शीट जमा करने के बाद अवैध रूप से भर्ती किए गए स्कूल शिक्षकों को चार सप्ताह के भीतर अपना वेतन वापस करना होगा। जिलाधिकारियों को इन शिक्षकों से पैसा वसूलने का काम सौंपा गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2016 की शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को "अवैध" करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार फैसले को चुनौती देगी। सीएम बनर्जी ने उत्तर बंगाल के रायगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं पर न्यायपालिका के एक वर्ग और निर्णयों को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि सभी भर्तियों को रद्द करने का अदालत का फैसला अवैध है। हम उन लोगों के साथ खड़े हैं, जिन्होंने नौकरियां खो दीं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको न्याय मिले, और आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
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सोमवार के आदेश में, कलकत्ता हाईकोर्ट पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नियुक्ति प्रक्रिया में आगे की जांच करने और तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अदालत ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को एसएससी भर्ती परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया।