BHU के वैज्ञानिकों को आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन का मिला पेटेंट, SARS-CoV-2 को रोकने में मिली सफलता

Santosh Kumar | September 24, 2024 | 03:33 PM IST | 1 min read

बीएचयू को पहले ही इसी तरह के काम के लिए दो जर्मन पेटेंट मिल चुके हैं। टीम ने दो अंतरराष्ट्रीय और दो अतिरिक्त भारतीय पेटेंट भी दाखिल किए हैं।

आयुर्वेदिक तत्वों से बने इस फॉर्मूलेशन ने शुरुआती अध्ययनों में अच्छे प्रभाव दिखाए हैं। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के जेनेटिक डिसऑर्डर सेंटर के वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने अश्वगंधा और मोरस अल्बा से एक नया आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन बनाया है, जिसे भारतीय पेटेंट मिला है। यह फॉर्मूलेशन वायरस के विकास को 95% तक रोकने में सक्षम है, जिससे यह भविष्य में कोविड-19 के इलाज के लिए एक संभावित उपाय बन सकता है।

आयुर्वेदिक तत्वों से बने इस फॉर्मूलेशन ने शुरुआती अध्ययनों में अच्छे प्रभाव दिखाए हैं। अगले चरण में इसका टेस्ट जानवरों पर किया जाएगा, फिर मनुष्यों पर इसके प्रभाव को जानने के लिए क्लीनिकल ट्रायल किए जाएंगे।

प्रोफेसर परिमल दास के नेतृत्व वाली टीम की कड़ी मेहनत से संस्थान को यह पेटेंट मिला है। इस टीम में पीएचडी स्कॉलर प्रशांत रंजन, नेहा, चंद्रा देवी, प्रशस्ति यादव, डॉ. गरिमा जैन, डॉ. चंदना बसु मलिक और डॉ. भाग्यलक्ष्मी महापात्रा शामिल हैं।

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बता दें कि बीएचयू को पहले ही इसी तरह के काम के लिए दो जर्मन पेटेंट मिल चुके हैं। टीम ने दो अंतरराष्ट्रीय और दो अतिरिक्त भारतीय पेटेंट भी दाखिल किए हैं। परिमल दास ने कहा, "यह सफलता हमारी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है।"

उन्होंने कहा कि हम SARS-CoV-2 से लड़ने के लिए इस फॉर्मूलेशन की प्राकृतिक क्षमता के बारे में आशावादी हैं। आयुर्वेदिक विज्ञान पर आधारित यह खोज महामारी के खिलाफ चल रही वैश्विक लड़ाई में आशा की किरण है। यह नवीनतम भारतीय पेटेंट उनके अथक प्रयासों को रेखांकित करता है।

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