Banaras Hindu University: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एनईपी 2020 लागू करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

बीएचयू में शोध के साथ यूजी ऑनर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अंतिम सेमेस्टर में एक रिसर्च भी तैयार करना होगा।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा- "अकादमिक परिषद की मंजूरी सिर्फ पहला कदम है, अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।"कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा- "अकादमिक परिषद की मंजूरी सिर्फ पहला कदम है, अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।"

Abhay Pratap Singh | March 20, 2024 | 07:46 PM IST

नई दिल्ली: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) लागू करने के प्रस्ताव को अकादमिक परिषद ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद ऑनर्स और रिसर्च दोनों के लिए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (यूजी ऑनर्स और रिसर्च के साथ यूजी ऑनर्स) आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुरू किया जाएगा।

रिसर्च के साथ यूजी ऑनर्स कोर्स पूरा करने वाले छात्र पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल किए बिना ही पीएचडी प्रोग्राम के लिए पात्र होंगे। इस पाठ्यक्रम के तहत सभी स्नातक छात्रों को बहु-विषयक पाठ्यक्रम, कौशल वृद्धि पाठ्यक्रम, क्षमता वृद्धि, वैल्यू एडेड कोर्स के साथ ही इंटर्नशिप भी करना होगा।

Background wave

प्रस्ताव में कहा गया कि 7.5 और उससे अधिक सीजीपीए वाले छात्रों में से केवल 10 प्रतिशत विद्यार्थियों को योग्यता के आधार पर शोध के साथ यूजी ऑनर्स का चयन करने की अनुमति दी जाएगी। प्रस्तावित कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाना है, जिससे वह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के संदर्भ में शिक्षा का अधिक से अधिक उपयोग करने में सक्षम हों।

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कुलपति प्रो.सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में अकादमिक परिषद ने सत्र 2024-25 से स्नातक में प्रवेश के लिए मंजूरी दे दी है। शोध के साथ ऑनर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अंतिम सेमेस्टर में एक रिसर्च भी तैयार करनी होगी। हालाँकि, पांच वर्षीय बीएएलएलबी लॉ संकाय द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए अकादमिक परिषद की मंजूरी सिर्फ पहला कदम है और अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हम चुनौतियों का समाधान करने के साथ-साथ आगे आने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए फैकल्टी और विभागों में विचार-मंथन जारी रखेंगे। आगे कहा कि छात्रों के अनुकूल और उनके समग्र विकास को ध्यान में रखकर बीएचयू ने यह नियम लागू किया है।

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