UP News: एएमयू में प्रवेश के लिए दलितों-पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग को लेकर नवगठित संगठन ने किया प्रदर्शन
प्रो सिद्दीकी ने बताया कि, वर्तमान में किसी भी पाठ्यक्रम में मुसलमानों के लिए कोई आरक्षण नहीं है और एकमात्र आरक्षण जो मौजूद है वह आंतरिक छात्रों के लिए है, जिसमें सभी समुदायों के सदस्य शामिल हैं।
Press Trust of India | November 26, 2024 | 05:09 PM IST
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में प्रवेश के लिए हिंदू दलितों और पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग को लेकर नवगठित ‘एएमयू आरक्षण संघर्ष मोर्चा’ ने मंगलवार को विरोध मार्च निकाला। अधिकारियों के मुताबिक, कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच यह विरोध मार्च विश्वविद्यालय परिसर और उसके आसपास निकाला गया। इस बीच पुलिस प्रशासन ने एएमयू परिसर की ओर जाने वाली विभिन्न सड़कों पर अवरोधक लगाए थे।
विश्वविद्यालय परिसर के सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रदर्शनकारी सिविल लाइंस इलाके में राजा महेंद्र प्रताप चौक पर एकत्र हुए और फिर एएमयू परिसर के प्रवेश बिंदु पर विश्वविद्यालय की परिधि तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने एएमयू विरोधी और कुछ धार्मिक नारे भी लगाए। मार्च निकालने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों से आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनके इस प्रयास को विफल कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते हुए अपर नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। मिश्रा ने जिलाधिकारी की ओर से ज्ञापन प्राप्त किया। मिश्रा ने बाद में संवाददाताओं से बताया कि विरोध मार्च शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। ज्ञापन में विश्वविद्यालय में हिंदू दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को तब तक आरक्षण देने की मांग की गई जब तक कि उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे पर अंतिम फैसला न सुना दे।
एएमयू के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं कि विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर कोई अप्रिय घटना न हो। उन्होंने बताया कि एएमयू विरोधी नारों के अलावा प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के पास भड़काऊ नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की थी कि आज (मंगलवार) का विरोध प्रदर्शन तो शुरुआत है, उनका संगठन तब तक अपनी मांग पर अड़ा रहेगा, जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जातीं।
एएमयू प्रवक्ता और जनसंपर्क प्रभारी सदस्य प्रो मोहम्मद असीम सिद्दीकी ने बाद में कहा कि, “किसी भी समुदाय को आरक्षण देने का मुद्दा अब पूरी तरह से भारत के उच्चतम न्यायालय के पास है, जो देश के संविधान और विश्वविद्यालय की कानूनी स्थिति के आलोक में पूरे मामले की जांच कर रहा है।”
सिद्दीकी ने बताया कि जब तक उच्चतम न्यायालय इस मामले पर फैसला नहीं करता तब तक धर्म या जाति आधारित आरक्षण देने का सवाल ही नहीं उठता। एक बार जब शीर्ष अदालत अपना अंतिम फैसला सुना देगा तभी विश्वविद्यालय किसी भी तरह का आरक्षण लागू करने की स्थिति में होगा। पदाधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्रशासन की मदद से सभी सावधानियां बरती हैं ताकि परिसर की शांति भंग न हो।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ
- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें
- JEE Main 2025 Result: जेईई मेन सेशन 2 का रिजल्ट जल्द; जानें टॉप एनआईटी की कोर्स-वाइज ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक
- GATE 2025: आईआईटी कानपुर में एमटेक प्रोग्राम के लिए गेट कटऑफ क्या होगी? रैंक, फीस और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक
- JEE Advanced 2025: आईआईटी पटना के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक जानें