पुणे के जिला परिषद स्कूलों के 25 छात्र नासा यात्रा पर होंगे रवाना, 50 विद्यार्थियों को इसरो भ्रमण का अवसर
Press Trust of India | August 25, 2025 | 02:25 PM IST | 2 mins read
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 3.5 करोड़ रुपये है, जिसका वहन पुणे जिला परिषद द्वारा किया जाएगा।
पुणे: पुणे जिला परिषद के ग्रामीण स्कूलों के 25 प्रतिभाशाली छात्रों को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की शैक्षिक यात्रा पर जाने का अवसर मिला है। यह पहल पुणे जिला परिषद और अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी केंद्र (आईयूसीएए) के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इस ऐतिहासिक पहल के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के इन प्रतिभाशाली छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
भोर तहसील के पाबे गांव की निवासी 13 वर्षीय शुभ्रा रेणुसे ने उत्सुकता व्यक्त की और कहा कि वह सुनीता विलियम्स और उनकी टीम के साथ नासा के हालिया अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) मिशन के बारे में अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं।
अधिकारी के अनुसार, यह यात्रा पुणे जिला परिषद द्वारा ‘इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स’ (आईयूसीएए) के सहयोग से आयोजित की जा रही एक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है।
चयन लिखित, मौखिक परीक्षा के आधार पर
पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस दौरे के माध्यम से छात्रों को व्यापक अनुभव होगा। उन्होंने कहा, "लगभग 15,000 छात्रों में से, पहले 235 छात्रों का चयन लिखित और मौखिक परीक्षा के आधार पर किया गया।"
इनमें से 25 छात्र नासा जाएंगे, जबकि शेष 50 छात्र इसरो की विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण करेंगे। शेष 160 छात्रों को भारत में स्थित तारामंडल, आईयूसीएए, जीएमआरटी, राष्ट्रपति भवन और संसद जैसे संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा।
प्रोजेक्ट की लागत लगभग 3.5 करोड़ रुपये
नासा यात्रा के लिए चुने गए 25 छात्र अक्टूबर में अमेरिका जाएंगे और उनके पासपोर्ट और वीजा की प्रक्रिया जारी है। जानकारी के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 3.5 करोड़ रुपये है, जिसका वहन पुणे जिला परिषद द्वारा किया जाएगा।
आईयूसीएए निदेशक ने बताया कि छात्रों के चयन के लिए 2 लिखित परीक्षाएं और व्यक्तिगत साक्षात्कार की कठोर प्रक्रिया अपनाई गई। उन्होंने बताया ‘‘ पूछे गए प्रश्न विज्ञान, अंतरिक्ष और खगोलशास्त्र पर आधारित थे, जो पाठ्यक्रम के अनुरूप थे।
शीर्ष 25 छात्रों का चयन नासा यात्रा के लिए और शेष 50 का चयन इसरो यात्रा के लिए किया गया। छात्रा शुभ्रा ने कहा कि उन्हें इस पर गर्व है और वे जानना चाहती हैं कि नासा कैसे काम करता है और एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक कैसे सोचता है।
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Santosh Kumar | 2 mins readविशेष समाचार
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