Santosh Kumar | July 20, 2025 | 06:54 PM IST | 1 min read
यूपीपीएससी प्रश्न पत्र लीक की संभावनाओं को खत्म करने के लिए प्रश्नपत्र दो अलग-अलग सेट में दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराए गए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध तरीके से संपन्न कराने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की है। सरकार द्वारा रविवार को जारी बयान के अनुसार, यह परीक्षा 27 जुलाई को राज्य के सभी 75 जिलों के 2382 केंद्रों में होगी और इसमें 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं।
परीक्षा प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित होगी और हर जिले में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय ले सकेंगे।
परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से अभूतपूर्व व्यवस्था की गई है तथा परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग परीक्षा को दूषित न कर सके, इसके लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल समेत कड़े सुरक्षा उपायों की पूरी व्यवस्था की गई है।
इसमें एआई (कृत्रिम मेधा) के उपयोग से लेकर सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी भी शामिल है। प्रश्न पत्र लीक की संभावनाओं को खत्म करने के लिए प्रश्नपत्र दो अलग-अलग सेट में दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराए गए हैं।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि परीक्षा के दिन, प्रश्नपत्र का चयन परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पहले किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि अभ्यर्थियों की पहचान और केंद्र आवंटन को भी पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित रखा गया है।
परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट, प्रशासक और प्रशिक्षित पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।