Santosh Kumar | November 10, 2024 | 03:32 PM IST | 1 min read
स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। एनसीईआरटी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को यूपी में प्रभावी बनाने में जुटे बेसिक शिक्षा विभाग ने शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा 3 में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों से भी पढ़ाई कराई जाएगी। इस संबंध में जानकारी सामने आई है। स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को इसमें शामिल किया जाएगा। एनसीईआरटी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
बता दें कि मौजूदा सत्र 2024-25 से परिषदीय स्कूलों में कक्षा 1 व 2 में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही हैं। यह पहला साल होने और समय की कमी के कारण बेसिक शिक्षा विभाग इसमें कोई बदलाव नहीं कर सका।
वहीं, अब जानकारी सामने आ रही है कि अगले सत्र में कक्षा 3 में भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएंगी। हालांकि, इसमें 10 से 15 फीसदी बदलाव करने की योजना है। इसके लिए एनसीईआरटी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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विभागीय अधिकारियों के अनुसार गणित और संस्कृत/उर्दू में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान विषय में राज्य स्तर पर कुछ चीजें शामिल की जा रही हैं।
इसके तहत भोजपुरी, बुंदेलखंडी और अवधी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को शामिल किया जा रहा है। हिंदी की किताब में उनकी शब्दावली भी जोड़ी जा रही है ताकि बच्चों को अपने स्थान की चीजों के बारे में जानकारी मिल सके।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यूपी के संदर्भ में अंग्रेजी और हिंदी में जानकारी जोड़ी जा रही है। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को मुफ्त किताबें बांटता है। इसके अलावा यूनिफॉर्म, जूते, मोजे और स्टेशनरी के लिए भी पैसे देता है।