UP Paper Leak: योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला; पेपर लीक करने पर 1 करोड़ का जुर्माना और उम्रकैद की सजा

साथ ही परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। अब सरकार ने इस संबंध में बड़ा कदम उठाया है।

उत्तर प्रदेश में कई भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। (इमेज- ट्विटर)
उत्तर प्रदेश में कई भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। (इमेज- ट्विटर)

Santosh Kumar | June 25, 2024 | 07:49 PM IST

नई दिल्ली: पेपर लीक मामले को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (25 जून) को नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। दरअसल, योगी कैबिनेट ने इस अध्यादेश में प्रश्नपत्र लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया है। इस अध्यादेश में पेपर लीक के दोषियों को 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा में पेपर लीक को देखते हुए योगी सरकार सख्त हो गई है। यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 के तहत अगर पेपर लीक या अन्य कारणों से परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर होने वाले खर्च की वसूली सॉल्वर गैंग से की जाएगी।

साथ ही परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए सख्त कानून लाने की बात कही थी। इसी संबंध में अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

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अध्यादेश किन परीक्षाओं पर लागू होगा?

प्रेस नोट जारी कर सरकार ने कहा कि फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी रोजगार वेबसाइट बनाना आदि को भी दंडनीय अपराध बनाया गया है। अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा तथा एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

जारी अध्यादेश में कहा गया है कि दोषियों की संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी। इस अध्यादेश के दायरे में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, यूपी बोर्ड, राज्य विश्वविद्यालयों और उनके द्वारा नामित प्राधिकरणों, निकायों या एजेंसियों द्वारा आयोजित परीक्षाएं शामिल होंगी।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में कई भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। खासकर यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती और आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद कई सवाल उठे थे। ऐसे में सीएम योगी ने इसे गंभीरता से लिया और फुलप्रूफ परीक्षा कराने के लिए यह अध्यादेश लेकर आई है।

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