Santosh Kumar | November 20, 2025 | 02:40 PM IST | 1 min read
जिलाधिकारी संजीव रंजन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिले में ‘‘गैर-कानूनी मदरसों’’ की पहचान करने के प्रयास जारी है।

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला प्रशासन ने सभी मदरसा शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है, अधिकारियों ने गुरुवार (20 नवंबर) को यह जानकारी दी।
जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा कि यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार उठाया गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब से मदरसा शिक्षकों का वेतन उनके बायोमेट्रिक उपस्थिति रिकॉर्ड के आधार पर दिया जाएगा।’’
जिलाधिकारी ने सवाल के जवाब में कहा कि जिले में ‘‘गैर-कानूनी मदरसों’’ की पहचान करने के प्रयास जारी है। जागरण में छपे लेख के अनुसार, यूपी मदरसा एजुकेशन काउंसिल ने डिस्ट्रिक्ट माइनॉरिटी वेलफेयर ऑफिसर को लेटर भेजा है।
इसमें सभी मदरसों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस लागू करना जरूरी कर दिया गया है। मैनेजमेंट द्वारा जारी अटेंडेंस सर्टिफिकेट को वेरिफाई करने के बाद ही सैलरी जारी की जाएगी। अटेंडेंस में कोई भी गड़बड़ी मिलने पर एक्शन लिया जाएगा।
डिस्ट्रिक्ट माइनॉरिटी वेलफेयर ऑफिसर रामदत्त प्रजापति ने बताया कि इसका मकसद एब्सेंट पर अंकुश लगाना, नकल रोकना और पढ़ाई की क्वालिटी सुधारना है। इसके अलावा, काम करने वाले टीचरों को अटेंडेंस के आधार पर पेमेंट किया जाएगा।
इनपुट्स-पीटीआई