Santosh Kumar | September 25, 2025 | 07:26 AM IST | 1 min read
स्वास्थ्य मंत्रालय विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा। इन योजनाओं का लक्ष्य 2028-29 तक सरकारी संस्थानों में 5,000 पीजी सीटें और 5,023 यूजी सीटें बढ़ाना है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5000 स्नातकोत्तर सीट बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के चिकित्सा महाविद्यालयों को सुदृढ़ एवं उन्नत करने की योजना के तीसरे चरण को बुधवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मौजूदा सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के उन्नयन के लिए केंद्रीय योजना के विस्तार को भी मंजूरी दे दी, जिससे 5,023 एमबीबीएस (यूजी) सीट बढ़ जाएंगी तथा प्रति सीट लागत सीमा 1.50 करोड़ रुपये होगी।
मंत्री ने कहा कि इस पहल से स्नातक चिकित्सा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, अतिरिक्त स्नातकोत्तर सीट के सृजन से विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी तथा सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नई विशेषज्ञताएं शुरू करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इससे देश में डॉक्टरों की समग्र उपलब्धता मज़बूत होगी। एक सवाल के जवाब में, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 2028-29 तक 5,000 नई स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी।
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उन्होंने बताया कि ये पीजी सीट देश भर के केवल सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में ही सृजित की जा रही हैं। इन योजनाओं का लक्ष्य 2028-2029 तक सरकारी संस्थानों में 5,000 पीजी सीट और 5,023 यूजी सीट बढ़ाना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा। इन योजनाओं पर 2025-26 से 2028-29 तक कुल व्यय ₹15,034.50 करोड़ होगा। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा ₹10,303.20 करोड़ और राज्यों का हिस्सा ₹4,731.30 करोड़ होगा।