Madrasa News: बंद अवैध मदरसों के छात्रों को बोर्ड से संबद्ध मदरसों में करें स्थानांतरित: मदरसा शिक्षा बोर्ड

सरकार ने 5 जिलों (देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और उधमसिंह नगर) में बिना उचित दस्तावेजों के चल रहे करीब 100 अवैध मदरसों को सील किया।

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही जिलाधिकारियों को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही जिलाधिकारियों को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Press Trust of India | March 22, 2025 | 05:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड ने बंद किए गए अवैध मदरसों में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताई है। बोर्ड से मान्यता न मिलने के कारण राज्य सरकार ने इन मदरसों को सील कर दिया है। बोर्ड ने जिलाधिकारियों से इन छात्रों को मान्यता प्राप्त मदरसों में दाखिला दिलाने की व्यवस्था करने को कहा है। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही जिलाधिकारियों को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा, "अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, लेकिन बच्चों की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। जल्द ही हम जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर मान्यता प्राप्त मदरसों में उनके दाखिले की व्यवस्था करने को कहेंगे।"

Madrasa News: 5 जिलों लगभग 100 अवैध मदरसे

राज्य सरकार द्वारा चलाए गए सत्यापन अभियान में पाया गया कि 5 जिलों (देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और उधम सिंह नगर) में बिना उचित दस्तावेजों के लगभग 100 अवैध मदरसे चलाए जा रहे थे, जिसे बाद में सील कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से ज्यादा छात्र प्रभावित नहीं हुए हैं, क्योंकि अवैध मदरसों में बच्चों की संख्या कम है। उन्होंने कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि मदरसा संचालकों को नियमों का पालन करते हुए इन्हें वैध बनाना चाहिए।

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Madrasa News: मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप

कासमी ने कहा कि हाल ही में 49 मदरसों को मान्यता दी गई है और 47 का नवीनीकरण किया गया है। मदरसा संचालकों को अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए और वैधता प्राप्त करने के लिए आगे आना चाहिए।

कासमी ने कहा कि राज्य में 467 मान्यता प्राप्त मदरसों में करीब 46,000 छात्र पढ़ते हैं। विपक्ष पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई समुदाय के खिलाफ नहीं बल्कि अवैध मदरसों के खिलाफ है।

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