सितंबर में कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ‘एक्स’ पर घोषणा की थी कि, “हम इस वर्ष 35% कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट दे रहे हैं और अगले साल यह संख्या और 10% कम हो जाएगी।”
Press Trust of India | November 11, 2024 | 02:18 PM IST
नई दिल्ली: कनाडा ने फास्ट ट्रैक स्टडी वीजा कार्यक्रम (SDS) को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। कनाडा द्वारा स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम वीजा स्कीम समाप्त किए जाने के बाद, उम्मीदवारों के आवेदन पर कार्रवाई की समय-सीमा बढ़ गई है। वहीं, भारत समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर एसडीएस वीजा स्कीम का प्रभाव पड़ने की संभावना है।
एसडीएस वीजा स्कीम के तहत भारतीय छात्रों के आवेदनों पर 20 कार्यदिवसों में कार्रवाई की जाती थी और अब इसमें 8 सप्ताह तक का समय लग सकता है। कनाडा में भारतीय उच्चायोग के अनुसार, भारत कनाडा में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत है, जहां लगभग 4,27,000 भारतीय छात्र हैं। जिस वजह से इसका सबसे अधिक प्रभाव भारतीय छात्रों पर पड़ेगा।
इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने एक बयान में कहा, “कनाडा सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अध्ययन परमिट के लिए आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष पहुंच देने के लिए प्रतिबद्ध है। कनाडा का लक्ष्य कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करना, छात्रों की कमजोरियों को दूर करना और सभी छात्रों को आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष पहुंच प्रदान करना है।”
कनाडा ने एसडीएस के साथ ही नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस (NSE) को भी समाप्त कर दिया है। नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस (एनएसई) नाइजीरिया के भावी विश्वविद्यालय छात्रों के लिए थी। बयान में कहा गया कि, “एसडीएस और एनएसई दोनों पहल शुक्रवार को समाप्त हो गई।” बता दें, एसडीएस की शुरुआत 2018 में पात्र पोस्ट-माध्यमिक छात्रों के लिए तेजी से प्रसंस्करण प्रदान करने के लिए की गई थी।
आईआरसीसी ने कहा कि भावी छात्र अभी भी नियमित अध्ययन परमिट स्ट्रीम के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। जिसके लिए वित्तीय सहायता के प्रमाण के रूप में गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र स्वीकार किए जाते हैं। सितंबर में कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ‘एक्स’ पर घोषणा की थी कि, “हम इस वर्ष 35% कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट दे रहे हैं और अगले साल यह संख्या और 10% कम हो जाएगी।”
इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा कि कनाडा 2025 में लगभग 3,95,000 स्थायी निवासियों को स्वीकार करेगा, जो इस वर्ष अपेक्षित 4,85,000 से लगभग 20 प्रतिशत कम है। योजना में अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विदेशी श्रमिकों सहित अस्थायी अप्रवासियों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 2025 और 2026 में उनकी संख्या घटकर लगभग 4,46,000 रह जाने की उम्मीद है, जो इस वर्ष लगभग 8,00,000 है।
विरोध के आह्वान के पीछे तर्क देते हुए यूपीपीएसपी अभ्यर्थी ने कहा कि आयोग द्वारा दो दिन में परीक्षा कराना नियम के विरुद्ध है और अधिसूचना में आयोग ने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि परीक्षा दो दिनों में कराई जाएगी।
Press Trust of India