आरटीई की लॉटरी में चयनित बच्चों को स्कूलों में एडमिशन नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण - राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा कि, यूपीए सरकार ने RTE कानून बनाया था ताकि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिल सके।

अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग व राज्य सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है। (स्त्रोत-आधिकारिक एक्स/अशोक गहलोत)

Abhay Pratap Singh | August 18, 2025 | 06:06 PM IST

नई दिल्ली: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत बच्चों को स्कूलों में एडमिशन नहीं मिलने पर चिंता जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण बताया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग व राज्य सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है।

गहलोत ने कहा, आज मेरे पास कई अभिभावक आए जिन्होंने राइट टू एजुकेशन (RTE) को लेकर अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि RTE की लॉटरी में चयनित होने के बावजूद उनके बच्चों को सेशन शुरू होने के बाद भी स्कूलों में एडमिशन नहीं मिल रहा है। यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण है क्योंकि शिक्षा बच्चों का मूलभूत अधिकार है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा, यूपीए सरकार ने RTE कानून बनाया था ताकि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिल सके। हमारी सरकार ने इसे लागू कर हजारों बच्चों का भविष्य संवारा लेकिन आज सरकार की लापरवाही के कारण वही बच्चे दर-दर भटक रहे हैं।

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, “मैं पूछना चाहता हूँ कि अगर चयनित बच्चों को भी स्कूल में दाखिला नहीं मिलेगा तो फिर इस लॉटरी का क्या मतलब है? शिक्षा विभाग और सरकार की जिम्मेदारी है कि हर हाल में इन बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाएं।”

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