मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत एआई, मशीन लर्निंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Santosh Kumar | March 19, 2025 | 02:09 PM IST
राजस्थान: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज (19 मार्च) से अपने चौथे चरण में प्रवेश कर रहा है। सदन में राजस्थान कोचिंग सेंटर विनियमन एवं नियंत्रण विधेयक 2025 पेश किया जाएगा। इस विधेयक को कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है। राजस्थान कैबिनेट ने राज्य में कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने और छात्रों को सुरक्षित और अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए इस विधेयक को मंजूरी दी है।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा आज विधानसभा में राजस्थान कोचिंग सेंटर विनियमन एवं नियंत्रण विधेयक 2025 पेश करेंगे। इस विधेयक में कोचिंग सेंटरों का पंजीकरण एवं विनियमन अनिवार्य होगा।
पंजीकरण के लिए न्यूनतम मानक तय किए जाएंगे। छात्रों के हितों की रक्षा पर जोर दिया जाएगा, मानसिक स्वास्थ्य के लिए करियर मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। विधेयक से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और परीक्षाओं के दौरान शैक्षणिक सहायता प्रदान की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025’ का प्रारूप केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं तथा विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श के बाद तैयार किया गया।
प्रदेश में 50 या इससे अधिक विद्यार्थी वाले कोचिंग संस्थान कानूनी जांच के दायरे में आएंगे। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर और राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण ढांचे को और मजबूत करने के लिए सभी संभागीय मुख्यालयों में 'मॉडल करियर' केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र करियर काउंसलिंग, इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
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मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत एआई, मशीन लर्निंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "स्थानीय औद्योगिक स्थलों पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
कैबिनेट ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर नीति को मंजूरी दी। यह नीति दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है और राज्य सरकार के अधीन सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और संस्थानों पर लागू होगी।
इस नीति के तहत सरकारी कार्यालयों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी ताकि वे आसानी से अपना काम कर सकें और कार्यालयों तक उनकी बाधा रहित पहुंच सुनिश्चित हो सके।