Puja Khedkar Case: यूपीएससी ने रद्द की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी, आजीवन प्रवेश परीक्षा देने पर रोक

पूजा खेडकर मामले में यूपीएससी ने 2009 से 2023 तक सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अनुशंसित 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की समीक्षा की।

यूपीएससी ने पूजा खेडकर का आईएएस चयन किया रद्द। (स्त्रोत-सोशल मीडिया)यूपीएससी ने पूजा खेडकर का आईएएस चयन किया रद्द। (स्त्रोत-सोशल मीडिया)

Abhay Pratap Singh | July 31, 2024 | 06:34 PM IST

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार (31 जुलाई) को ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 (CSE 2022) में उम्मीदवारी रद्द कर दी। साथ ही, आयोग ने विवादित प्रशिक्षु आईएएस खेडकर पर आजीवन प्रवेश परीक्षा देने पर रोक लगा दी है।

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके अलावा, खेडकर को कई बार परीक्षा देने के लिए अपनी गलत पहचान बताने का भी दोषी पाया गया है।

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आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “यूपीएससी ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की है और उन्हें सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में कार्य करने का दोषी पाया है। सीएसई-2022 के लिए उनकी प्रोविजनल उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें यूपीएससी की सभी भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से भी स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।”

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यूपीएससी पैनल ने अपने बयान में कहा कि पूजा खेडकर को 18 जुलाई को “अपनी फर्जी पहचान” के जरिए परीक्षा नियमों में निर्धारित स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। उन्हें 25 जुलाई तक जवाब देना था। हालांकि, बाद में समय सीमा 30 जुलाई तक बढ़ा दी गई।

आयोग ने स्पष्ट किया कि यह “अंतिम अवसर” है तथा “समय में और कोई विस्तार” नहीं दिया जाएगा। पूजा खेडकर ने आयोग से 4 अगस्त तक विस्तार का अनुरोध किया था। पैनल ने कहा, “समय-सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद, वह निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं।”

पूजा खेडकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 464 (काल्पनिक व्यक्ति के नाम पर दस्तावेज बनाना), 465 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में पेश करना) तथा विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम की धारा 89 और 91 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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