संघ ने फीस वापसी की मांग के अलावा एनटीए और डीयू अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने की भी मांग की है।
Team Careers360 | June 26, 2024 | 08:18 PM IST
नई दिल्ली: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) पर नीट यूजी और यूजीसी नेट 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और अनियमितता के लगे आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच, दिल्ली विश्वविद्यालय में एनटीए द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने का मामला भी सामने आया है। डीयूसीकेयू ने शिक्षा मंत्रा धर्मेंद्र प्रधान को पत्र भी लिखा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में 1,145 गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में एनटीए द्वारा की गई अनियमितता के चलते डीयू को चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति रोकनी पड़ी और भर्ती में तीन साल से अधिक की देरी हुई। डीयू ने फरवरी 2021 में 51 संवर्गों में 1,145 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन दिया था।
बताया गया कि, अनियमितताओं के अलावा एनटीए उन सभी 51 कैडर के लिए परीक्षा भी आयोजित नहीं कर पाया, जिनके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने विज्ञापन निकाला था। मार्च 2023 में रिक्त पदों के विज्ञापन के लगभग दो वर्ष बाद एनटीए इनमें से केवल छह के लिए परीक्षा आयोजित की और 4 जुलाई 2023 को परिणाम घोषित किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में गैर-शिक्षण पदों पर भर्ती के लिए चिकित्सा अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रार, सुरक्षा अधिकारी, पेशेवर सहायक, कनिष्ठ सहायक, प्रयोगशाला सहायक सहित कई अन्य पद शामिल थे। जिनमें से लेवल-2 जूनियर सहायक के 236 पद, लेवल-1 प्रयोगशाला परिचारक के 152 पद, लेवल-1 लाइब्रेरी अटेंडेंट के 109 पद सहित कुल 1,145 रिक्तियां भरी जानी थी।
इस भर्ती अभियान के तहत योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए 15 सितंबर से 1 अक्टूबर 2021 के बीच परीक्षाएं आयोजित होने वाली थी। हालाँकि, 9 सितंबर 2021 को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया और कहा कि इसे “अपरिहार्य परिस्थितियों” के कारण स्थगित किया जा रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी यूनियन (DUCKU) ने इस मुद्दे पर 25 जून 2024 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। डीयूसीकेयू अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने पत्र में कहा कि रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों को शुल्क में छूट देने के डीयू नियम का भी उल्लंघन किया गया है।
डीयूसीकेयू के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने करियर्स 360 को बताया कि, “नियम यह है कि एक बार विज्ञापन जारी होने के बाद प्रक्रिया 18 महीने के भीतर पूरी करनी होती है। हालाँकि, एनटीए द्वारा नियम का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। हम मांग कर रहे हैं कि आवेदन शुल्क के रूप में एकत्र किए गए लाखों रुपये उम्मीदवारों को वापस किए जाएं।”
शर्मा ने कहा, “समिति के साथ दो बैठकें हुईं, लेकिन परीक्षा केंद्र पर अनियमितताओं और रोस्टर उल्लंघन पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।” यूनिवर्सिटी के अधिकारी ने कहा, “हमें परीक्षा में अनियमितताएं मिलीं... इसलिए चयन प्रक्रिया रोक दी गई।” संघ ने एनटीए और डीयू अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग की है।
अभय प्रताप सिंह द्वारा हिंदी अनुवाद किया गया है - सोर्स