राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 से कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए नई पाठ्यपुस्तकें लागू करने की घोषणा की है।
Abhay Pratap Singh | July 4, 2024 | 08:02 PM IST
नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत एनसीईआरटी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से नई किताबें पेश करेगी। जिसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव, एनसीईआरटी के निदेशक और सीबीएसई के अध्यक्ष के साथ एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के विकास में प्रगति का जायजा लिया है।
शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 से कक्षा 3 और कक्षा 6 में नई एवं आकर्षित पाठ्यपुस्तकें पेश की जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि पाठ्यपुस्तक विकास कार्य अंतिम चरण में है। कक्षा 3 और 6 के लिए नौ पाठ्यपुस्तकें पहले से ही उपलब्ध हैं, शेष आठ किताबें बहुत जल्द उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्री प्रधान ने अपडेट पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने वाले कक्षा 3 और 6 के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण पहल की भी समीक्षा की।
मंत्रालय ने कहा कि, एनईपी 2020 का उद्देश्य बेहतर शिक्षण परिणामों के लिए सीखने को आनंदमय और तनाव मुक्त बनाने के लिए किफायती मूल्य, उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करना है। एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने के लिए कक्षा 1 से 12 तक के लिए नई पाठ्यपुस्तकों का निर्माण कर रहा है।
इस सप्ताह ही एनसीईआरटी ने शैक्षणिक सत्र के बीच में कक्षा 6 के लिए नई अंग्रेजी और हिंदी पाठ्यपुस्तकें जारी की हैं। सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और गणित जैसे शेष विषयों की पाठ्यपुस्तकें अभी तैयार नहीं हैं और स्कूलों को तब तक कक्षा 6 के छात्रों को ब्रिज प्रोग्राम (bridge programme) से पढ़ाने के लिए कहा गया है।
एनसीईआरटी का शुरुआती लक्ष्य इस साल केवल कक्षा 3 और 6 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 पर आधारित नई पाठ्यपुस्तकें जारी करना था। कक्षा 3 की पाठ्यपुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं, जबकि कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तकों में देरी हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनसीईआरटी ने कक्षा 6 के लिए ‘पूर्वी’ नाम से एक नई अंग्रेजी भाषा की पाठ्यपुस्तक प्रकाशित की है। जिसमें, गैर-भारतीय लेखकों की कहानियां और कविताओं की जगह संशोधित पाठ्यपुस्तक में भारतीय लेखकों द्वारा लिखी गई नौ गद्य रचनाएं और पांच कविताएं शामिल हैं, जो सभी भारतीय संदर्भों पर आधारित हैं।
एकीकृत फसल उत्पादन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए चयनित उम्मीदवारों को सुरक्षा राशि के रूप में 1,000 रुपये का शुल्क जमा करना होगा, जिसे पाठ्यक्रम के सफल समापन के बाद वापस कर दिया जाएगा।
Abhay Pratap Singh