मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वीं की द्वितीय परीक्षा 17 से 26 जून और 12वीं की परीक्षा 17 जून से 5 जुलाई 2025 तक होगी।
Santosh Kumar | May 30, 2025 | 03:58 PM IST
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वीं-12वीं के लिए आयोजित की जाने वाली द्वितीय परीक्षा 2025 के लिए आवेदन करने की बढ़ी हुई तिथि कल (31 मई) समाप्त हो रही है। छात्र आधिकारिक वेबसाइट mpbse.nic.in पर जाकर रात 12 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। यह परीक्षा उन छात्रों के लिए है जो मुख्य परीक्षा में किसी विषय में फेल हो गए हैं या अनुपस्थित रहे हैं। जो छात्र अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं, वे भी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
बोर्ड ने सभी विद्यार्थियों से अपील की है कि वे समय पर फॉर्म भरकर भविष्य की परीक्षाओं की तैयारी सुनिश्चित करें। एमपी बोर्ड द्वितीय परीक्षा विद्यार्थियों को एक और मौका देती है, ताकि वे एक साल बर्बाद किए बिना अगली कक्षा में प्रवेश ले सकें।
एमपीबीएसई ने पूरक परीक्षा प्रणाली को समाप्त कर 2025 से द्वितीय परीक्षा प्रणाली लागू कर दी है। द्वितीय परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क विषयों की संख्या के अनुसार निर्धारित किया गया है। एक विषय के लिए शुल्क 500 रुपये है।
दो विषयों के लिए फीस 1,000 रुपये, तीन या चार विषयों के लिए 1,500 रुपये और चार से अधिक विषयों के लिए 2,000 रुपये है। एमपी बोर्ड द्वितीय परीक्षा के लिए शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से किया जा सकता है।
एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं की द्वितीय परीक्षा 17 से 26 जून और 12वीं की परीक्षा 17 जून से 5 जुलाई 2025 तक होगी। छात्र को उसी स्कूल से समय पर और तय शुल्क के साथ आवेदन करना होगा, जहां से मुख्य परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था।
सभी छात्रों को सुबह 8 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा। परीक्षा शुरू होने के 15 मिनट बाद प्रवेश की अनुमति नहीं है। परीक्षा के दिनों में सार्वजनिक या स्थानीय अवकाश होने पर भी परीक्षा निर्धारित समय पर ही होगी।
विद्यार्थी केवल अपने मूल विषय की ही परीक्षा दे सकेंगे, विषय परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई विद्यार्थी द्वितीय परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट है तो वह पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी के लिए आवेदन कर सकता है।
एमपी बोर्ड हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) के विद्यार्थियों के लिए पहले की तरह "बेस्ट फाइव" पद्धति लागू रहेगी। यानी कुल 6 विषयों में से केवल उन्हीं 5 विषयों को अंतिम परिणाम में जोड़ा जाएगा, जिनमें विद्यार्थी ने सबसे अधिक अंक प्राप्त किए हैं।