इस समिति का काम होगा कि एनटीए के वर्तमान शिकायत निवारण तंत्र का आंकलन करें, जिन क्षेत्रों में सुधार किया जा सकता है उनकी पहचान करें और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें करें।
Saurabh Pandey | June 22, 2024 | 04:29 PM IST
नई दिल्ली : उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बीओजी के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है।
यह समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी। समिति को 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपनी है।
इस समिति का काम होगा कि एनटीए के वर्तमान शिकायत निवारण तंत्र का आंकलन करें, जिन क्षेत्रों में सुधार किया जा सकता है उनकी पहचान करें और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें करें।
समिति इस आदेश के जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी। समिति अपनी सहायता के लिए किसी भी विषय विशेषज्ञ को शामिल कर सकती है। समिति का काम शुरू से अंत तक परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना और सिस्टम की दक्षता में सुधार करने और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के उपाय सुझाना है।
एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी)/प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना और हर स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं/प्रोटोकॉल को मजबूत करने के उपाय बताना है।
एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना और इसके सुधार के लिए उपायों की सिफारिश करना। विभिन्न परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग और अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करना और सिस्टम की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।
यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन प्रवेश परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष आचरण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। परीक्षा प्रक्रिया में सुधारों की सिफारिश करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ाने और एनटीए की संरचना और कामकाज में सुधार पर समिति का जोर हमारी राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। छात्रों के हित और उनके भविष्य की रक्षा हमारी प्राथमिकता है।