Press Trust of India | September 30, 2024 | 05:05 PM IST | 2 mins read
जिला प्रशासन ने 26 सितंबर को आयोग के कार्यालय के 100 मीटर के अंदर बीएनएसएस की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगा दिया था।
रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के कार्यालय के बाहर सोमवार (30 सितंबर) को हजारों अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने पिछले सप्ताह आयोजित जेएसएससी सीजीएल 2024 भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जेएसएससी कार्यालय के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए छात्रों ने झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में 'कदाचार' का आरोप लगाया। सुबह से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन जारी रहा। यह परीक्षा 21 और 22 सितंबर को 823 केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
बता दें कि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए दोनों दिन मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके बाद झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने छात्रों की शिकायतों पर गौर करने के लिए आयोग को पत्र लिखा था।
पिछले हफ्ते जेएसएससी ने परीक्षाओं में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति बनाई थी। एक आंदोलनकारी छात्र ने बताया कि हज़ारीबाग और रामगढ़ से सैकड़ों छात्र लगभग 100 किलोमीटर पैदल चलकर रविवार को रांची स्थित जेएसएससी कार्यालय पहुंचे।
छात्र नेता मनोज यादव ने कहा, ''हमें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है।'' उन्होंने दावा किया कि परीक्षा में अनियमितताओं के सबूत लिखित रूप में, पेन ड्राइव और सीडी में जमा किए गए थे, लेकिन अब जेएसएससी के अधिकारी कह रहे हैं कि सीडी खाली थी।
जेएसएससी ने रविवार को एक नोटिस में कहा कि आयोग को जो सीडी मुहैया कराई गई थी, वह पूरी तरह खाली थी। साथ ही छात्रों से कहा गया कि वे पेन ड्राइव के जरिए मुहैया कराए गए सबूतों का मूल स्रोत दोपहर 3 बजे तक आयोग के कार्यालय में जमा कराएं।
छात्रों के विरोध को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने 26 सितंबर को आयोग के कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। यह आदेश 2 अक्टूबर की रात 10 बजे तक प्रभावी रहेगा।