MBBS Admission: वैष्णोदेवी चिकित्सा संस्थान में प्रवेश के लिए सीट आवंटन की पहली सूची रद्द करने की मांग

Press Trust of India | November 17, 2025 | 04:15 PM IST | 2 mins read

संस्थान को “अल्पसंख्यक संस्थान” का दर्जा देने की मांग की गई है। अधिकारियों ने कहा कि प्रवेश योग्यता के आधार पर दिए गए।

श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस को इस वर्ष 50 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत की गई हैं। (प्रतीकात्मक-पिक्सल)
श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस को इस वर्ष 50 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत की गई हैं। (प्रतीकात्मक-पिक्सल)

जम्मू: सोमवार को कई हिंदू समूहों ने रियासी जिले के ‘श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस’ (एसएमवीडीआईएमई) में संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया और अधिकारियों से एमबीबीएस प्रवेश के लिए सीट आवंटन की पहली सूची को रद्द करने का आग्रह किया। उन्होंने मंदिर द्वारा वित्त पोषित संस्थान में हिंदुओं के वास्ते पर्याप्त आरक्षण की गारंटी के लिए एक नई प्रवेश प्रक्रिया और मौजूदा नियमों की समीक्षा की भी मांग की

संस्थान को इस वर्ष 50 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत की गई हैं, और 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए पहले बैच में एक विशेष समुदाय के 42 छात्रों के प्रवेश ने विवाद को जन्म दे दिया है। दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।

अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने की मांग

साथ ही, संस्थान को “अल्पसंख्यक संस्थान” का दर्जा देने की मांग की है। अधिकारियों ने कहा कि प्रवेश योग्यता के आधार पर दिए गए। यह अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है इसलिए धर्म के आधार पर आरक्षण मानदंड लागू नहीं किया जा सकता।

संस्थान में हिंदुओं के प्रतिनिधित्व की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए युवा राजपूत सभा, राष्ट्रीय बजरंग दल और मूवमेंट कल्कि से जुड़े प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय के पास एकत्र हुए और मुख्य द्वार की ओर बढ़ते हुए नारे लगाए।

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50 में से 42 मुस्लिम छात्रों का दाखिला

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय का गेट जबरन खोल दिया, लेकिन पुलिस दल मौके पर पहुंच गया और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा कि 50 छात्रों के पहले बैच में केवल 7 हिंदू और 1 सिख हैं।

उन्होंने कहा कि 50 में से 42 मुस्लिम छात्रों का चयन अस्वीकार्य है। उनका तर्क है कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण वैष्णो देवी मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों के दान से हुआ है, इसलिए इस धन का उपयोग हिंदू समुदाय के लाभ के लिए किया जाना चाहिए।

प्रदर्शनकारी नई प्रवेश प्रक्रिया और नियमों की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। उनका कहा है कि अगर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हस्तक्षेप करके स्थिति में सुधार नहीं करते हैं, तो विरोध प्रदर्शन तेज हो जाएगा।

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