Saurabh Pandey | January 14, 2025 | 04:00 PM IST | 2 mins read
यह कार्यक्रम कानून, कंप्यूटर साइंस, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और चार्टर्ड अकाउंटेंसी में प्रोफेशनल्स , साइबर लॉ रिसर्च, आईटी-संबंधित भूमिकाओं, या संगठनों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कानूनी सलाहकार पदों पर करियर बनाने वाले व्यक्ति भी आवेदन कर सकते हैं।
नई दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने जनवरी 2025 एडमिशन चक्र में साइबर कानून में पीजी सर्टिफकेट कार्यक्रम शुरू किया है, जिसे ज्ञान समाज की गतिशील जरूरतों और साइबर कानूनों में स्पेशलाइजेशन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में पेश किया जाने वाला यह कार्यक्रम उन प्रोफेशनल्स और स्नातकों के लिए आदर्श है, जिनका लक्ष्य साइबर कानून, साइबर अपराध और साइबरस्पेस को नियंत्रित करने वाले लीगल फ्रेमवर्क की व्यापक समझ विकसित करना है।
यह कार्यक्रम कानून, कंप्यूटर साइंस, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और चार्टर्ड अकाउंटेंसी में प्रोफेशनल्स , साइबर लॉ रिसर्च, आईटी-संबंधित भूमिकाओं, या संगठनों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कानूनी सलाहकार पदों पर करियर बनाने वाले व्यक्ति भी आवेदन कर सकते हैं।
इग्नू के साइबर लॉ पीजी सर्टिफिकेट प्रोग्राम की भाषा अंग्रेजी होगी। इसके लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास किसी भी विषय से स्नातक होना जरूरी है।
इग्नू में साइबर लॉ पीजी सर्टिफिकेट प्रोग्राम की अवधि न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 2 वर्ष होगी।
इग्नू साइबर लॉ पीजी सर्टिफिकेट प्रोग्राम के लिए कार्यक्रम शुल्क 8,400 रुपये+ पंजीकरण शुल्क 300 रुपये होगा।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. गुरमीत कौर ने इस पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम डिजिटल दुनिया की तेजी से बदलती गतिशीलता को संबोधित करता है। यह प्रोफेशनल्स को साइबरस्पेस में आत्मविश्वास और सक्षमता से नेविगेट करने के लिए आवश्यक कानूनी ज्ञान और कौशल से लैस करता है।