Santosh Kumar | November 26, 2025 | 04:14 PM IST | 2 mins read
हर एकेडमिक वर्ष में दो एग्जाम होंगे: फरवरी-मार्च में एक मेन एग्जाम और जून-जुलाई में इम्प्रूवमेंट एग्जाम। सभी स्टूडेंट्स को मेन एग्जाम देना होगा।

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन (एचपीबीओएसई) ने अधिसूचना जारी कर 2026 से क्लास 10 के लिए साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराने की घोषणा की है। यह कदम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 की गाइडलाइंस के मुताबिक है। बोर्ड के मुताबिक, पहला एग्जाम फरवरी-मार्च में होगा, जबकि दूसरा जून-जुलाई में होगा। इस बदलाव से स्टूडेंट्स को अपने कमजोर सब्जेक्ट्स को सुधारने का मौका मिलेगा, जिससे ड्रॉपआउट रेट कम होगा।
हर एकेडमिक वर्ष में दो एग्जाम होंगे: फरवरी-मार्च में एक मेन एग्जाम और जून-जुलाई में इम्प्रूवमेंट एग्जाम। सभी स्टूडेंट्स को मेन एग्जाम देना होगा। अगर कोई स्टूडेंट स्कोर इम्प्रूव करना चाहता है, तो वह इम्प्रूवमेंट एग्जाम भी दे सकता है।
कक्षा 10 मेन एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर, स्टूडेंट्स को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है-
क्रमांक | रिजल्ट | श्रेणी | टिप्पणी |
|---|---|---|---|
क | जो विद्यार्थी 5 अनिवार्य विषयों में से 3 विषयों में उत्तीर्ण हुआ | आवश्यक सुधार | द्वितीय परीक्षा के लिए पात्र |
ख | उत्तीर्ण | वैकल्पिक पुनरावृत्ति | द्वितीय परीक्षा के लिए पात्र |
ग | जो विद्यार्थी 5 अनिवार्य विषयों में से कम से कम 3 विषयों में उत्तीर्ण नहीं हो पाया | आवश्यक दोहराव | दूसरी परीक्षा के लिए पात्र नहीं |
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जिन स्टूडेंट्स का प्रथम परीक्षा परिणाम कम्पार्टमेंट है, उन्हें कम्पार्टमेंट कैटेगरी के तहत द्वितीय परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। इंटरनल असेसमेंट का कंडक्ट: इंटरनल असेसमेंट मेन एग्जाम से पहले सिर्फ़ एक बार कंडक्ट किया जाएगा।
प्रायोगिक परीक्षा वाले विषय के मामले में, मुख्य परीक्षा से पूर्व विद्यार्थी द्वारा प्रायोगिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए जोड़ा जाएगा और सुधार परीक्षा के दौरान कोई अलग प्रायोगिक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।
यदि कोई विद्यार्थी अपने नियंत्रण से बाहर के कारणों से मुख्य परीक्षा के दौरान प्रायोगिक परीक्षा देने में असफल रहा है, तो उसे बोर्ड अध्यक्ष से लिखित अनुरोध करने तथा पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने पर प्रायोगिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
मंत्री ने कहा, "हम 'पिंक पेट्रोलिंग' की तर्ज पर स्कूलों और कॉलेजों के बाहर 'एंटी-रोमियो स्क्वॉड' तैनात करेंगे, ताकि कोई भी हमारी बहनों और बेटियों को छेड़ने या परेशान करने की हिम्मत न कर सके। स्पेशल पुलिस फोर्स छुट्टियों में भी नजर रखेगी।"
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