हरियाणा सरकार निजी और सरकारी स्कूलों में शिक्षा के बीच की खाई को पाटने की कर रही कोशिश: मुख्य सचिव

Press Trust of India | April 7, 2025 | 10:40 PM IST | 1 min read

सरकार की योजना हरियाणा में प्रत्येक 10 किलोमीटर की दूरी पर एक मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने की है।

मुख्य सचिव ने स्कूल में नवाचार गतिविधियों के लिए अपने वेतन से 51,000 रुपए देने का भी वादा किया। (स्त्रोत- एक्स/@DiprHaryana)

नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार मॉडल संस्कृति और सार्थक मॉडल स्कूलों की स्थापना करके सार्वजनिक और निजी शिक्षा के बीच की खाई को पाटने की कोशिश कर रही है। अनुराग रस्तोगी ने कहा कि ये स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों को बेहतर और सस्ती शिक्षा प्रदान करते हैं।

पंचकूला के बतौड़ गांव में ‘पीएम श्री’ राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए रस्तोगी ने उपलब्धियों को प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास, फोकस और कड़ी मेहनत के महत्व पर जोर दिया।

कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए तथा उनसे सरकारी मॉडल स्कूलों में उपलब्ध अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। मुख्य सचिव ने स्कूल में नवाचार गतिविधियों के लिए अपने वेतन से 51,000 रुपए देने का भी वादा किया।

Also read UP News: बुलडोजर चलते समय किताबें बचाने वाली 8 वर्षीय अनन्या बनाना चाहती है आईएएस अधिकारी, खींचा एससी का ध्यान

सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हरियाणा ने आधिकारिक एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए पोस्ट में लिखा, “मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि निजी व सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता का अंतर मिटाने के लिए राज्य सरकार 25 नए मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने की योजना पर काम कर रही है।”

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में हर 10 किलोमीटर पर एक मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने के लिए प्रयासरत है। मॉडल संस्कृति व सार्थक स्कूलों का मकसद कम खर्च में ग्रामीण-शहरी छात्रों को निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देना है, ताकि हर प्रतिभाशाली बच्चा आगे बढ़ सके।

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]