UP News: सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

Abhay Pratap Singh | December 10, 2025 | 10:30 PM IST | 2 mins read

अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के अनुसार, उत्तराखंड की रहने वाली चंद्रकला वर्मा ने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत के बाद कुछ लोगों ने उनके पति की सरकारी नौकरी के फायदे पाने के लिए धोखे से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि नगर निगम के अधिकारियों ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने में मदद की। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
शिकायत में आरोप लगाया गया कि नगर निगम के अधिकारियों ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने में मदद की। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस ने सरकारी नौकरी पाने के लिए कथित तौर पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में नगर निगम कर्मचारियों समेत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने 10 अक्टूबर को इस मामले की जानकारी दी है।

अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के अनुसार, उत्तराखंड के चमोली जिले के हलदापानी की रहने वाली चंद्रकला वर्मा ने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत के बाद, कुछ लोगों ने नगर निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके पति की सरकारी नौकरी के फायदे पाने के लिए धोखे से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया।

चंद्रकला ने दावा किया कि 19 जुलाई, 2024 को उनके पति की दूसरी पत्नी मीना वर्मा, अपनी बेटी शुचि वर्मा और बेटे यश वर्मा के साथ कई गवाहों और नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर जाली दस्तावेज तैयार करने की साजिश रची। उन्होंने आरोप लगाया कि गवाह ममता वर्मा, नीलम, विजयता यादव, चंद्रहास और एक और नीलम भी इस साजिश में शामिल थे।

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शिकायत में आगे आरोप लगाया गया कि नगर निगम के अधिकारियों ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने में मदद की। इनमें तत्कालीन जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रार मनोज कुमार, मुख्य स्वच्छता निरीक्षक आवेश कुमार, तत्कालीन स्वच्छता निरीक्षक राजकुमार, स्वच्छता सुपरवाइजर राजीव, राजस्व निरीक्षक अमरपाल सिंह और क्षेत्र लेखपाल गंगा प्रसाद पटेल शामिल हैं।

चंद्रकला ने यह भी आरोप लगाया कि 11 सितंबर, 2024 को आरोपियों ने एक सोची-समझी साजिश के तहत उप जिलाधिकारी कार्यालय से प्रमाणपत्र बनवाए। उन्होंने दावा किया कि कथित जाली दस्तावेजों के आधार पर, मीना वर्मा, शुचि वर्मा और यश वर्मा ने सच जानने के बावजूद हापुड़ की एक दीवानी अदालत में उनके खिलाफ मामला दायर किया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने 27 अगस्त, 2025 को पुलिस अधीक्षक और स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई। थाना प्रभारी देवेंद्र बिष्ट ने कहा कि अदालत के निर्देश पर अब नगर निगम अधिकारियों समेत सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा, “मामले की जांच चल रही है।”

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