Education Budget 2024: रोजगार-कौशल विकास के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का आवंटन, विशेषज्ञों ने की फैसले की सराहना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले 5 वर्षों तक रोजगार और कौशल पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले 5 वर्षों तक रोजगार और कौशल पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Santosh Kumar | July 23, 2024 | 01:31 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (23 जुलाई) मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया। इस बजट में रोजगार और कौशल विकास के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की 5 योजनाओं का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 की घोषणा के दौरान भारत के युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक व्यापक पैकेज पेश किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की। बजट भाषण 2024 में उन्होंने कहा कि सरकार अगले 5 वर्षों के लिए “रोजगार, कौशल, मध्यम और लघु उद्यमों (एमएसएमई) और मध्यम वर्ग” पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।

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Education Budget 2024: बजट 2024 पर प्रतिक्रिया

कई कंपनियों के सीईओ ने सरकार के बजट 2024 पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। सुरासा के सीईओ ऋषभ खन्ना ने कहा, "केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री द्वारा शिक्षा पर जोर दिया जाना सराहनीय पहल है। कौशल विकास के लिए 2 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने से देश के शैक्षिक बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।"

अनस्टॉप के संस्थापक और सीईओ अंकित अग्रवाल ने बजट 2024 पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "मुझे यह देखकर खुशी हुई कि बजट 2024 में युवाओं के रोजगार और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रोजगार योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का आवंटन एक उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत है।"

अंकित अग्रवाल ने कहा, "5 साल में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने की योजना बिल्कुल वैसी ही है जिसकी हमें जरूरत थी।" उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा ऋण के लिए समर्थन और कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने पर जोर भी एक बड़ा प्लस है।"

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पुणे स्थित द एकेडमी स्कूल (टीएएस) की सीईओ मैथिली तांबे ने कहा कि सरकार का यह कदम शिक्षा के महत्व को उजागर करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल छोड़ने की दर और साक्षरता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी संबोधित करता है। अनुकूल ऋण शर्तें छात्रों को अपने भविष्य में निवेश करने और ऋण की चिंता किए बिना अपने शैक्षिक सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

साथ ही, लड़कियों और महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजटीय आवंटन किया गया है। यह छात्रवृत्तियों को वित्तपोषित करने, लड़कियों पर केंद्रित स्कूलों का निर्माण करने और मार्गदर्शन कार्यक्रम स्थापित करने में मदद करेगा।

10 लाख करोड़ रुपये के ऋण का आवंटन

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के चेयरमैन पीआर सोडानी ने कहा, "घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण का आवंटन और कौशल ऋण को 7.5 लाख रुपये तक संशोधित करने से हमारे छात्रों के कौशल में वृद्धि होगी। इसके अलावा, सरकार 5000 रुपये के वजीफे के साथ 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी, जिससे छात्रों को बाजार का अनुभव मिलेगा।

जारो एजुकेशन के संस्थापक एमडी संजय सालुंके ने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से बजट पेश किया है। यह पहल युवाओं के सामने आवश्यक शिक्षा और कौशल हासिल करने में आने वाली चुनौतियों का भी समाधान करेगी।"

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