यह निर्देश अभिभावकों और स्टेकहोल्डर्स की शिकायतों के जवाब में आया है, जिन्होंने दावा किया था कि कई निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल ये आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहे हैं और इसके बदले में नियमों का उल्लंघन करते हुए पैसे की मांग कर रहे हैं।
Press Trust of India | March 27, 2025 | 09:27 AM IST
नई दिल्ली : शिक्षा निदेशालय (DoE) ने दिल्ली के निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) , वंचित समूहों (डीजी) और विशेष जरूरतों वाले विद्यार्थियों (सीडब्ल्यूएसएन) को मुफ्त ड्रेस, किताबें और राइटिंग मैटेरियल्स उपलब्ध कराएं।
यह निर्देश अभिभावकों और स्टेकहोल्डर्स की शिकायतों के जवाब में आया है, जिन्होंने दावा किया था कि कई निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल ये आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहे हैं और इसके बदले में नियमों का उल्लंघन करते हुए पैसे की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली शिक्षा के अधिकार नियम, 2011 के नियम 8 और 30 दिसंबर, 2013 की शिक्षा निदेशालय (डीओई) अधिसूचना के अनुसार, सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूहों (डीजी) और विशेष जरूरतों वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) श्रेणियों से प्रवेश लेने वाले छात्रों को मुफ्त किताबें, ड्रेस और राइटिंग मैटेरियल्स उपलब्ध कराना आवश्यक है।
डीओई ने कहा कि निर्देश का पालन करने में विफल रहने वाले किसी भी स्कूल पर दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और नियम, 1973 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिला शिक्षा निदेशकों को अनुपालन सुनिश्चित करने और शिकायतों पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। डीओई ने जिला शिक्षा निदेशकों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि इन श्रेणियों के छात्रों से किताबों, ड्रेस या लेखन सामग्री के लिए कोई पैसा नहीं मांगा जाए।
दिल्ली की मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रेखा गुप्ता ने शिक्षा और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। इनमें सीएम श्री स्कूल, भाषा प्रयोगशालाएं, आधुनिक कंप्यूटर लैब और स्टार्टअप सहायता केंद्र शामिल हैं। सरकार ने नए सीएम श्री स्कूल बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये और नरेला में शिक्षा केंद्र के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट रखा है।