Saurabh Pandey | July 29, 2025 | 03:57 PM IST | 2 mins read
एनईपी के प्रमुख क्षेत्रों पर विषयगत सत्रों में चर्चा की गई, जिसमें शैक्षिक परिवर्तन के अगले चरण का एजेंडा तय किया गया। बेस्ट प्रैक्टिसेस पर मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया गया।
नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के 5 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025 का उद्घाटन किया। अखिल भारतीय शिक्षा समागम (एबीएसएस) शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, शिक्षकों, इंडस्ट्री लीडर्स और सरकारी प्रतिनिधियों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी; शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार और 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 4,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का अनावरण किया, जिनमें नई पहल, परिसर उद्घाटन और आधारशिला रखना शामिल हैं
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी; स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, प्रमुख शिक्षाविद्; अध्यक्ष; शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त निकायों के प्रमुख; सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस के क्षेत्रीय अधिकारी; उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपति/निदेशक/प्रमुख, अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य शिक्षा सचिव, समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक, एससीईआरटी के निदेशक, स्टार्टअप संस्थापक; स्कूली छात्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की प्रारूप समिति के अध्यक्ष, पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और भारत के शिक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी योगदान के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके बाद केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत ने इस अवसर को और भी जीवंत बना दिया। राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने एनईपी 2020 की 5वीं वर्षगांठ पर माननीय प्रधानमंत्री का संदेश भी पढ़ा।
शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल अपरेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) के तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) में अपरेंटिसशिप की परिकल्पना की है। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा, मार्केटिंग और निर्माण, शिक्षा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (BFSI), इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी/आईटीईएस जैसे क्षेत्रों में बढ़ती उद्योग मांगों को पूरा करने के लिए छात्रों के AI ज्ञान और कौशल को बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम से लगभग 1 लाख छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिसमें स्नातकों के लिए न्यूनतम 9,000 और डिप्लोमा धारकों के लिए 8,000 रुपये का मासिक वजीफा प्रदान किया जाएगा। इस पहल के तहत कुल अनुमानित वजीफा सहायता लगभग 500 करोड़ है, जिसे सरकार और भाग लेने वाली कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा।
सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के बीच तीखी बहस होने की उम्मीद है। मंत्रिमंडल द्वारा 29 अप्रैल को स्वीकृत अध्यादेश के अनुसार, मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के लिए सख्त दंड का प्रावधान है।
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