Santosh Kumar | October 1, 2025 | 07:21 AM IST | 2 mins read
एक खंड गुमनाम नायकों को समर्पित होगा, जिसमें छात्र सावरकर, बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे।
नई दिल्ली: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को जल्द ही एक नए शिक्षा कार्यक्रम 'राष्ट्रनीति' के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में पढ़ाया जाएगा, जिसमें विनायक दामोदर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पाठ शामिल होंगे। शिक्षा मंत्री सूद ने कहा, "छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना जगाने और मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस कार्यक्रम के तहत आरएसएस पर एक अध्याय जोड़ा जा रहा है।"
शैक्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत ‘राष्ट्रनीति’ नामक अध्याय को पहली कक्षा से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों में नागरिक जागरूकता, नैतिक शासन और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक पाठ्यक्रम के तहत, बच्चों को आरएसएस के गठन और इतिहास, उसकी विचारधारा और प्राकृतिक आपदाओं व स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सहायता प्रदान करने में उसके स्वयंसेवकों की भूमिका के बारे में पढ़ाया जाएगा।
इन पाठों का उद्देश्य संगठन के बारे में भ्रांतियों को दूर करना है। ये पाठ स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस की भागीदारी और रक्तदान, खाद्य आपूर्ति, आपदा राहत और कोविड सहायता सहित उसके सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालेंगे।
यह अध्याय 1925 में नागपुर में डॉ. हेडगेवार द्वारा स्थापित आरएसएस के इतिहास का पता लगाएगा। यह संगठन के अनुशासन, सेवा, सांस्कृतिक जागरूकता और अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी सहित इसके नेताओं पर प्रकाश डालेगा।
सूत्रों के अनुसार, एक खंड गुमनाम नायकों को समर्पित होगा, जिसमें छात्र सावरकर, बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे। शिक्षक नियमावली तैयार है और एससीईआरटी में प्रशिक्षण चल रहा है।
एससीईआरटी में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी पर अभी भी चर्चा की जा रही है, जिसमें यह निर्णय भी शामिल है कि कौन से कक्षा समूह नए अध्यायों का अध्ययन करेंगे।
इनपुट्स-पीटीआई