CLAT 2025 मेरिट लिस्ट NLUs के कंसोर्टियम द्वारा जारी की जाएगी, जिसमें काउंसलिंग और सीट आवंटन प्रक्रिया के लिए चुने गए उम्मीदवारों के नाम और रैंक शामिल होंगे।
Saurabh Pandey | April 7, 2025 | 09:31 AM IST
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय आज यानी 7 अप्रैल को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2025 के नतीजों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (एनएलयू) के वकील से दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
शीर्ष अदालत ने CLAT 2025 याचिकाओं को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहली याचिका इसी HC में दायर की गई थी। दूसरी ओर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम ने आग्रह किया कि मामलों को या तो शीर्ष अदालत में या किसी विशिष्ट उच्च न्यायालय में समेकित किया जाना चाहिए।
CNLU ने CLAT परिणाम 2025 के खिलाफ याचिकाओं को विभिन्न उच्च न्यायालयों से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी। एक अभ्यर्थी ने दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ को यह भी सूचित किया था कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं लंबित हैं और स्थानांतरण याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष स्थानांतरित की जाएंगी।
कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLUs) CLAT 2025 काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयारी कर रहा है, जो उम्मीदवारों की रैंक के आधार पर भाग लेने वाले NLUs और संबद्ध लॉ कॉलेजों में सीट आवंटन की सुविधा प्रदान करेगा। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय की सुनवाई के परिणाम के आधार पर काउंसलिंग शेड्यूल में बदलाव हो सकता है। यदि न्यायालय परिणामों में संशोधन का आदेश देता है, तो पूरी प्रक्रिया में देरी हो सकती है या उसका पुनर्गठन किया जा सकता है।
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कई उम्मीदवारों ने CLAT 2025 रिजल्ट जारी होने के बाद इसमें कई खामियों का जिक्र करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ याचिका दायर कर दी। इसमें अंतिम उत्तर कुंजी में त्रुटियां, नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में खामियां और कुछ प्रश्नों का गलत मूल्यांकन भी उनकी समस्याओं में से एक था। याचिकाकर्ता परिणामों में संशोधन या विशिष्ट प्रतिक्रियाओं के तहत पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहे हैं।
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विद्यालयों के लिए प्राप्त 2085.01 करोड़ रुपए के बजटीय आवंटन में से शिक्षा विभाग ने जरूर 1523.33 करोड़ रुपए खर्च किए।
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