दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोचिंग सेंटर की फीस को भी विनियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "कोचिंग सेंटर अनियमित फीस लेते हैं। कोचिंग सेंटरों को भ्रामक विज्ञापन जारी करने से रोका जाएगा।
Santosh Kumar | July 31, 2024 | 03:42 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर स्थित राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर में हुई घटना के बाद दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए नया कानून लाने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी मार्लेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए नया कानून लाएगी।
आतिशी ने कहा कि प्रस्तावित कानून निजी स्कूलों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को नियमित करने वाले कानून की तर्ज पर होगा। आतिशी ने कहा, "प्रस्तावित कानून दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटरों को नियमित करेगा। यह दीर्घकालिक समाधान का हिस्सा होगा।"
इसके साथ ही दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोचिंग सेंटर की फीस को भी विनियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "कोचिंग सेंटर अनियमित फीस लेते हैं। कोचिंग सेंटरों को भ्रामक विज्ञापन जारी करने से रोका जाएगा। साथ ही कोचिंग सेंटरों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटरों को लेकर कानून बनाने के लिए एक कमेटी बनाएगी। इस कमेटी में अधिकारी, छात्र और कोचिंग संस्थान शामिल होंगे। बता दें कि शिक्षा मंत्री का यह ऐलान राजिंदर नगर में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में 3 छात्रों की मौत के 4 दिन बाद किया गया है।
आतिशी ने बताया कि दिल्ली नगर निगम ने बेसमेंट का इस्तेमाल कर कानून का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, "राजिंदर नगर, मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर और प्रीत विहार में 30 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट सील कर दिए गए हैं, जबकि 200 अन्य कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किया गया है।"
आतिशी ने कहा कि सरकार ने कोचिंग सेंटरों में तैयारी करने वाले छात्रों को सचिवालय में परामर्श के लिए आमंत्रित किया है। आतिशी ने कहा, "कोचिंग सेंटरों की अवैधता के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी वहां पढ़ने वाले छात्रों को है। इसलिए उनसे परामर्श करना जरूरी है।"
मंत्री ने कहा, "हमने लोगों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक ईमेल पता (coaching.law.feedback@gmail.com) जारी किया है। हम दिल्ली के लोगों, खासकर छात्रों से अपनी प्रतिक्रिया देने का अनुरोध करते हैं।" आतिशी ने कहा कि प्रस्तावित कानून छात्रों की जरूरतों के हिसाब से बनाया जाएगा।