Press Trust of India | November 4, 2024 | 10:22 PM IST | 1 min read
क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक, जिला उपनिदेशक और उपनिदेशक (क्षेत्र) को सप्ताह में तीन दिन अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत स्कूलों और शिक्षा विभागों का निरीक्षण करना आवश्यक है।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता का आकलन करने और बुनियादी ढांचे तथा शैक्षणिक गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए सरकारी विद्यालयों का नियमित तौर पर निरीक्षण करने का आदेश दिया। एक नवंबर को जारी किए गए परिपत्र के अनुसार, शिक्षा निदेशालय (डीओई) को सभी सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने का काम सौंपा गया है, जिसमें उचित पेयजल, स्वच्छता, बिजली की व्यवस्था, कक्षाओं में पर्याप्त डेस्क, सही दरवाजे और खिड़कियां सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाएगा।
परिपत्र में कहा गया है कि निरीक्षक छात्रों के अनुरूप कक्षाओं का अनुपात, अनुभागों की व्यवस्था और बाल-सुरक्षा उपायों का भी मूल्यांकन करेंगे। क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक, जिला उपनिदेशक और उपनिदेशक (क्षेत्र) को सप्ताह में तीन दिन अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत स्कूलों और शिक्षा विभागों का निरीक्षण करना आवश्यक है।
परिपत्र में कहा गया कि अधिकारियों को उसी दिन ऑनलाइन माध्यम से निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी तथा प्रत्येक दौरे के सात दिनों के भीतर निरीक्षण शाखा मुख्यालय को ‘हार्ड कॉपी’ भी उपलब्ध करानी होगी जिसपर उनके हस्ताक्षर होंगे।
परिपत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिकारियों को उसी दिन ऑनलाइन निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और प्रत्येक दौरे के सात दिनों के भीतर निरीक्षण शाखा मुख्यालय को हस्ताक्षरित हार्ड कॉपी उपलब्ध करानी होगी।
शिक्षा उपनिदेशकों (जिला/क्षेत्र) को निर्देश दिया गया है कि वे रिपोर्ट में उल्लिखित किसी भी कमी को तुरंत दूर करें। उपनिदेशकों को बुनियादी ढांचे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों का नियमित दौरा भी करना चाहिए।