Saurabh Pandey | August 18, 2025 | 06:33 PM IST | 1 min read
अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार अभ्यर्थियों की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए टीआरई-4 से पहले एसटीईटी परीक्षा आयोजित करे। उनका तर्क है कि एसटीईटी के बिना कई योग्य अभ्यर्थी शिक्षण नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अपना अवसर खो देंगे।
नई दिल्ली : बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के हजारों अभ्यर्थियों ने पटना में विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि बिहार एसटीईटी परीक्षा शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-4) से पहले आयोजित की जाए। माध्यमिक विद्यालयों में सरकारी शिक्षण पदों के लिए एसटीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
बिहार सरकार ने पहले घोषणा की थी कि टीआरई-4 भर्ती 2024 में शुरू होगी। हालांकि, एसटीईटी परीक्षा 2026 में टीआरई-5 से पहले ही आयोजित की जानी है। इस फैसले के कारण अभ्यर्थियों का लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जिनका तर्क है कि एसटीईटी में देरी से कई अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्ष भागीदारी से वंचित रह जाते हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) आयोजित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी पटना कॉलेज में एकत्र हुए और गांधी मैदान तथा डाक बंगला चौराहे सहित शहर के प्रमुख स्थानों तक मार्च किया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगाए और कर्मियों को तैनात किया। इससे पहले हुए प्रदर्शनों के दौरान झड़पें हुईं और पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार अभ्यर्थियों की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए टीआरई-4 से पहले एसटीईटी परीक्षा आयोजित करे। उनका तर्क है कि एसटीईटी के बिना कई योग्य अभ्यर्थी शिक्षण नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अपना अवसर खो देंगे।
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि एसटीईटी परीक्षा टीआरई-4 के लिए रिक्तियां जारी होने के बाद ही आयोजित की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि अभी परीक्षा आयोजित करने से उत्तीर्ण होने वालों की संख्या बढ़ जाएगी, जिससे चयन प्रक्रिया जटिल हो जाएगी, क्योंकि वर्तमान में लगभग चार लाख उम्मीदवार बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।