Santosh Kumar | September 30, 2025 | 02:23 PM IST | 1 min read
सम्राट चौधरी ने गैर वित्त पोषित संस्थानों के शिक्षकों से संबंधित मामलों की समीक्षा एवं निष्पादन के लिए समिति गठित किए जाने के फैसले का स्वागत किया
पटना: बिहार सरकार ने राज्य के गैर वित्त पोषित शिक्षण संस्थानों, संस्कृत विद्यालयों और मदरसों को प्रदान किए जाने वाले सहायता अनुदान और उनके कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को वेतनमान भुगतान से संबंधित मामलों की समीक्षा एवं नियमन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। शिक्षा विभाग की ओर से 30 सितंबर को जारी आदेश के अनुसार, इस समिति की अध्यक्षता बिहार के मुख्य सचिव करेंगे।
समिति में विकास आयुक्त, शिक्षा विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और प्राथमिक शिक्षा निदेशक सदस्य होंगे।
आदेश में कहा गया है कि समिति की बैठक हर महीने आयोजित होगी। इसमें सहायता अनुदान, वेतन व मानदेय का समय पर निर्धारण एवं भुगतान, उससे संबंधित विसंगतियों का निराकरण और स्थानांतरण से जुड़े मामलों पर विचार किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि समिति के निर्णयों पर समय-समय पर अनुमोदन भी प्राप्त किया जाएगा। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया है।
सम्राट चौधरी ने गैर वित्त पोषित संस्थानों के शिक्षकों से संबंधित मामलों की समीक्षा एवं निष्पादन के लिए समिति गठित किए जाने के फैसले का स्वागत किया। चौधरी ने कहा कि यह कदम पुरानी लंबित मांगों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
जून 2024 में जारी इन दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइटों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने को कहा गया। इसमें कहा गया कि यह जानकारी आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए और इसके लिए लॉगिन या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
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