Santosh Kumar | October 14, 2025 | 10:19 PM IST | 2 mins read
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विपक्ष इस बात से नाखुश है कि सामान्य परिवारों के बच्चों को योग्यता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं।
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार ने पिछले चार वर्षों में राज्य में 26,500 युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं। मुख्यमंत्री ने यह बात राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित 109 समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों तथा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 1,347 सहायक अध्यापकों (एलटी) सहित कुल 1,456 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने नकल विरोधी सख्त कानून लागू किए, जिसके परिणामस्वरूप बनी पारदर्शी व्यवस्था में आज योग्य अभ्यर्थियों को एक साथ तीन-चार स्थानों पर चयन का मौका मिल रहा है।
धामी ने कहा कि पिछले 4 साल में 25 हजार से ज्यादा युवाओं को नौकरी मिली है और आज यह संख्या साढ़े 26 हजार हो जाएगी। उन्होंने कहा, "हमने 4 साल में जितनी नौकरियां दी हैं, पिछली सभी सरकारों की तुलना में दोगुनी से ज्यादा हैं।"
धामी ने कहा कि विपक्ष इस बात से नाखुश है कि सामान्य परिवारों के बच्चों को योग्यता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा, "विपक्ष के पास न तो मुद्दे हैं और न ही तथ्य, इसलिए वे केवल झूठा प्रचार करते हैं।"
धामी ने आरोप लगाया कि हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से एक अभ्यर्थी द्वारा नकल के उद्देश्य से फोन के जरिए अपनी बहन को भेजे गए 12 प्रश्नों के मुद्दे को पेपर लीक कहकर प्रचारित किया गया और युवाओं को बरगलाने की कोशिश की गई।
धामी ने कहा कि उसके बाद जब उन्होंने युवाओं की सीबीआई जांच की मांग मान ली तो वही लोग कहने लगे कि वह उनके आगे झुक गए। उन्होंने कहा कि षडयंत्रकारियों के मंसूबे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिए जाएंगे।
पिछले महीने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में प्रश्नपत्र के तीन पन्ने लीक होने से हंगामा मच गया था। छात्रों की मांग के बाद, मुख्यमंत्री ने मामले की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश की और परीक्षा रद्द कर दी गई।